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बुधवार, 25 अक्तूबर 2017

रामलीला में भगवान राम को हुआ वनवास

ग्रामीण मीडिया सेण्टर


डहुआ में चल रही रामलीला में सोमवार रात राम वनवास की कथा का मंचन हुआ। राजा दशरथ के विलाप और राम वनवास से दर्शकों की आंखें नम हो गईं। दशरथ, कैकई और मंथरा के बीच जोरदार संवाद हुआ। रामलीला की शुरुआत राजा दशरथ के दरबार में राम के राज्याभिषेक की चर्चा से हुई। दासी मंथरा को जब राम के राजा बनने की सूचना मिली तो वह रानी कैकई के पास पहुंची। मंथरा ने रानी कैकई की मति भ्रष्ट करते हुए राम को वनवास और भरत को राजा बनाने की सलाह दी। कैकई को राजा दशरथ द्वारा दिए वचनों की याद दिलाई। मंथरा की सलाह से कैकई कोप भवन में चली गईं। राजा दशरथ ने कैकई के पास जाकर दुख का कारण पूछा और वचन पूरा करने का वचन दिया। कैकई को दिए वचनों को पूरा करने राजा दशरथ ने राम को 14 साल के वनवास पर भेजा। 

प्रदेश में किसानों ने 19 लाख 7 हजार से अधिक करवाये पंजीयन (भावांतर भुगतान योजना)

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

प्रदेश में किसानों को मण्डी में गिरते भावों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए भावांतर भुगतान योजना लागू की गई है। इस योजना में दलहन एवं तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार की दृष्टि से खरीफ-2017 में पायलेट आधार पर सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द और तुअर को शामिल किया गया है।
योजना के पोर्टल पर 11 सितम्बर से 15 अक्टूबर के मध्य 3500 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और 257 कृषि उपज मण्डियों में पंजीयन की कार्यवाही की गई। पंजीयन में किसानों के लिये अपने भू-अभिलेख के साथ आधार-कार्ड, समग्र आई.डी., बैंक खाते की डिटेल तथा मोबाइल नम्बर की अनिवार्यता की गई। योजना में 19 लाख 7 हजार 862 पंजीयन हुए। प्रदेश में 16 लाख 8 हजार 745 किसानों द्वारा 37 लाख 53 हजार 750 हेक्टेयर क्षेत्रफल का पंजीयन कराया गया। इनमें से सोयाबीन में 9 लाख 53 हजार 421, मूंगफली में 36 हजार 954, तिल में 40 हजार 548, रामतिल में 3205, मक्का में 2 लाख 13 हजार 832, मूंग में 12 हजार 762, उड़द में 5 लाख 6 हजार 487 और तुअर में एक लाख 653 पंजीयन हुए। क्षेत्रफल के हिसाब से पंजीकृत क्षेत्रफल में सोयाबीन में 22.75 लाख हेक्टेयर, मूंगफली में 42 हजार हेक्टेयर, तिल में 43 हजार हेक्टेयर, रामतिल में 4000 हेक्टेयर, मक्का में 3.87 लाख हेक्टेयर, मूंग में 2 हजार हेक्टेयर, उड़द में 9.91 हेक्टेयर और तुअर में 1.11 लाख हेक्टेयर रकबा योजना में पंजीकृत किया गया है।
राज्य शासन ने किसान हित में निर्णय लिया है कि कृषि जलवायु क्षेत्र में पड़ने वाले समस्त जिलों में से जिस जिले में उक्त फसल के 5 वर्षों में 3 सर्वश्रेष्ठ फसल कटाई प्रयोगों का औसत सर्वश्रेष्ठ होगा उसे कृषि जलवायु क्षेत्र के समस्त जिलों में लागू किया जाएगा। इससे एक ओर किसानों को भावांतर भुगतान योजना में बेहतर कृषि उत्पाद योजना की मात्रा का लाभ संभव हो सकेगा। दूसरी ओर कृषि जलवायु क्षेत्र में पड़ने वाले समस्त जिलों में फसल विशेष की उत्पादकता संभव हो सकेगी। पंजीकृत क्षेत्रफल तथा औसत उत्पादकता के आधार पर भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत फसल की कुल संभावित आवक 58.65 लाख मीट्रिक टन है। इसमें सोयाबीन 36.38 लाख मीट्रिक टन, मूंगफली 81 हजार मीट्रिक टन, तिल 4000 मीट्रिक टन, रामतिल 2000 मीट्रिक टन, मक्का 12.27 लाख मीट्रिक टन, मूंग 8000 मीट्रिक टन, उड़द 6.96 लाख मीट्रिक टन और तुअर 1.29 लाख मीट्रिक टन का लाभ योजना में किसानों को मिल सकेगा।
भावांतर भुगतान योजना में 7 फसलों के लिए मण्डी में विक्रय अवधि 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर, 2017 नियत की गई थी और तुअर के लिए एक फरवरी से 30 अप्रैल, 2018 नियत की गई थी। किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने मक्का और सोयाबीन की मण्डी आवक की स्थिति को देखते हुए किसान हित में मण्डियों में सोयाबीन विक्रय अवधि 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर को बढ़ाकर 16 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक और मक्का की विक्रय अवधि 16 अक्टूबर से 15 दिसम्बर, 2017 को बढ़ाकर 16 अक्टूबर से 31 जनवरी, 2018 नियत कर दी है। जिला कलेक्टरों को योजना के क्रियान्वयन पर समुचित निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। डिप्टी कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला-स्तरीय निगरानी दल और संभागीय-स्तर पर संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास की अध्यक्षता में संभागीय निगरानी दल का गठन किया गया है।
किसानों से कहा गया है भुगतान योजना में कृषि उत्पाद के विक्रय के समय अपने साथ पंजीयन के समय प्राप्त पंजीयन पर्ची अवश्य लेकर आयें। मण्डी बोर्ड में कृषि विशेषज्ञ, मण्डी अधिकारियों तथा आई.टी. विशेषज्ञों की टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है, जो प्रत्येक मण्डी के प्रत्येक भाव का भावांतर भुगतान योजना में अपलोड किये जा रहे डाटा की सघन और सूक्ष्म समीक्षा कर रहे हैं। इस कार्य के लिए डाटा निगरानी अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। भावांतर भुगतान योजना में पंजीकृत किसानों को नीलामी के बाद कृषि उत्पाद के विक्रय का प्रमाण-पत्र भी दिया जा रहा है।
प्रदेश में एक अगस्त, 2017 से लगातार प्रतिदिन विभिन्न फसलों की आवक और मण्डी दरों की विवेचना की जा रही है। आठ फसलों की प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर औसत मॉडल दरों का भी विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया जा रहा है। प्रदेश के अलावा अन्य प्रदेशों में तिल को छोड़कर शेष 7 फसलों की दर न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे हैं। पिछले एक माह में प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर की मण्डियों में सोयाबीन में 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल, उड़द में 2000 से 3000 रुपये प्रति क्विंटल, तुअर में 2000 से 2200 रुपये प्रति क्विंटल, मूंग में 1000 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल, मक्का में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तथा मूंगफली में 700 से 1000 रुपये प्रति क्विंटल दरें न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम चल रही है।
भावांतर भुगतान योजना में मण्डियों में विक्रय अवधि के बाद विक्रय अवधि की प्रदेश तथा अन्य दो प्रदेशों के मॉडल औसत विक्रय दरों से गणना की जाएगी। योजना में किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से नियत मॉडल विक्रय दर के बीच की किसी दर पर विक्रय किया जाता है, तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा किसान द्वारा विक्रय की दर के अंतर की राशि का भुगतान किसान के खाते में किया जाएगा। यदि किसान की विक्रय दर मॉडल विक्रय दर से कम रही, तो न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा औसत मॉडल विक्रय दर के अंतर की राशि का भुगतान किसान के खाते में किया जाएगा। भावांतर भुगतान योजना मण्डियों में बेहतर क्वालिटी (एफ.ए.क्यू.) और गैर-बेहतर क्वालिटी के आठ कृषि उत्पादों पर लागू है।

योजना में 16 अक्टूबर से 23 अक्टूबर के बीच पंजीकृत किसानों द्वारा फसलों के विक्रय तथा मात्रा पोर्टल पर दर्ज कर सतत समीक्षा और निगरानी की जा रही है। भावांतर भुगतान योजना पूरे देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में लागू की जा रही है। इस योजना से दलहन तथा तिलहन फसलों के खरीदी के सही मूल्य किसानों के लिए सुरक्षा कवच के रूप में महत्वपूर्ण साबित होंगे।

रोजगार के क्षेत्र में मध्य प्रदेश बना मॉडल

ग्रामीण मीडिया सेण्टर


केन्द्र सरकार युवाओं के कौशल विकास में हर संभव सहयोग करेगी-केन्द्रीय मंत्री श्री प्रधान
प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना सरकार का लक्ष्य-खेल और युवा कल्याण मंत्री
दीक्षांत समारोह में 723 युवाओं को प्रमाण-पत्र वितरित
 


 
केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान के मुख्य आतिथ्य एवं प्रदेश की खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की अध्यक्षता में आज इन्दौर और भोपाल में आयोजित दीक्षांत समारोह में डी.एस.वाय.डब्ल्यू.-आई.सी.आई.सी.आई. स्किल अकादमी के 302 एवं व्ही.एल.सी.सी. अकादमी के 421 प्रशिक्षित युवाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इन्दौर में आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की सी.एम.डी. सुश्री चन्दा कोचर एवं भोपाल में व्ही.एल.सी.सी. की संस्थापक सुश्री वन्दना लूथरा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रही। केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने खेल और युवा कल्याण विभाग एवं नॉलेज पार्टनर के सहयोग से संचालित आई.सी.आई.सी.आई. स्किल अकादमी एवं व्ही.एल.सी.सी. अकादमी की गतिविधियों का अवलोकन भी किया। 
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि मध्य प्रदेश के युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में दक्ष बनाकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में यह अकादमी मील का पत्थर साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी यही चाहते है कि युवाओं के कौशल विकास में बढ़ोत्तरी हो और उन्हें रोजगार के अधिकतम अवसर प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि इन्दौर और भोपाल में संचालित हो रहे कौशल उन्नयन कार्यक्रम देश के लिए रोल मॉडल है। यहां पर प्रशिक्षित युवाओं को शत्-प्रतिशत रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री श्री प्रधान ने प्रदेश की खेल और युवा कल्याण मंत्री द्वारा युवाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए किए जा रहे अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा युवाओं के कौशल विकास में हर संभव सहयोग किया जायेगा। 
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा जहां खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा प्रदर्शन के अवसर उपलब्ध कराये जा रहे है, वहीं युवाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें आत्म निर्भर बनाना सरकार का लक्ष्य है।  
दीक्षांत समारोह इन्दौर में आई.सी.आई.सी.आई बैंक की सी.एम.डी. श्रीमती चंदा कोचर ने खेल मंत्री के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आई.सी.आई.सी.आई. बैंक देश के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। आई.सी.आई.सी.आई स्किल अकादमी इस कार्य में बेहतर रोल अदा कर रही है। आई.सी.आई.सी.आई बैंक एवं नॉलेज पार्टनर द्वारा देश भर में 24 से अधिक अकादमी संचालित की जा रही हैं। इन सभी अकादमियों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनके माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराया  जा रहा है। 
भोपाल में आयोजित दीक्षांत समारोह में व्ही.एल.सी.सी. की संस्थापक सुश्री वन्दना लूथरा ने स्वयं के संघर्ष एवं सफलता का जिक्र करते हुए युवाओं से कहा कि कौशल को अपना जुनून बनाकर अपने सपने साकार करें और आत्म निर्भर  बनकर अन्य युवाओं को भी आत्म निर्भर बनाएं। 
समारोह में संचालक खेल और युवा कल्याण श्री उपेन्द्र जैन ने बताया कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आई.सी.आई.सी.आई. फाउण्डेशन के सहयोग से इंदौर में अप्रैल, 2015 में डी.एस.वाय.डब्ल्यू.-आई.सी.आई.सी.आई. अकादमी की स्थापना की गई। इसके माध्यम से 18 से 30 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को ट्रेक्टर रिपेयरिंग, पम्प एवं मोटर रिपेयरिंग, रेफ्रीजरेशन एवं ए.सी. रिपेयरिंग, इलेक्ट्रिकल एवं होम एप्लाइन्स रिपेयरिंग, सेन्ट्रल ए.सी. रिपेयरिंग, ऑफिस एडमिस्ट्रेशन तथा सेलिंग स्किल विधाओं में तीन माह का निःशुल्क उच्च स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को निःशुल्क आवास, भोजन एवं यूनिफार्म उपलब्ध कराया जाता है। विगत ढ़ाई वर्षों में इस अकादमी के माध्यम से 3904 युवाओं को प्रशिक्षण एवं रोजगार उपलब्ध कराया गया है। श्री जैन ने जानकारी दी कि  भोपाल में वर्ष 2007-08 में व्ही.एल.सी.सी. अकादमी की शुरूआत की गई। इसकी सफलता के बाद वर्ष 2009 में इन्दौर एवं वर्ष 2017 में ग्वालियर में इस अकादमी का विस्तार किया गया। अकादमी के माध्यम से अब तक 1425 युवाओं को प्रशिक्षण देकर आत्म निर्भर बनाया गया है।
दीक्षांत समारोह में अकादमी से प्रशिक्षण लेकर आत्म निर्भर बने युवाओं, प्राची पोडवाल, अजय कुम्भकार, संध्या पाण्डे, राजेन्द्र सराठे, रोजर लोबो, और माधवी शर्मा ने अपनी सफलता की कहानी सुनाई।  कार्यक्रम में केन्द्र सरकार में संयुक्त संचालक कौशल उन्नयन श्री राजेश अग्रवाल, सचिव खेल और युवा कल्याण म.प्र. श्री सचिन सिन्हा सहित अन्य अधिकारी एवं प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।

अवैध शराब बिक्री के विरोध में ग्रामीणों ने खोला मोर्चा

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| डोंगरपुर  

प्रभात पट्टन ब्लॉक के ग्राम डोंगरपुर में खुलेआम अवैध कच्ची शराब की बिक्री होती है। जिससे ग्रामीण परेशान हो गए हैं। ग्रामीणों ने मासोद पुलिस चौकी में आवेदन देकर गांव में अवैध शराब की बिक्री बंद करने की मांग की है। ग्रामीण भगतराम सोनारे, लक्ष्मी सूर्यवंशी, आशा सूर्यवंशी, कमलेश धुर्वे, दिनेश सोनारे, मारोती कुमरे ने बताया गांव में आधा दर्जन से अधिक लोग अवैध कच्ची शराब बनाकर बेचने का धंधा करते हैं। गांव में शराब बिक्री से बच्चे भी शराब पीने लगे हैं। शराब की वजह से आए दिन गांव में विवाद हो रहे हैं। जिससे गांव का माहौल खराब हो गया है। शराब बनाने और बेचने वालों को समझाइश भी दी लेकिन इसका असर नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने गांव में अवैध शराब बनाकर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

काजली सरपंच के खिलाफ उपसरपंच-पंचों ने खोला मोर्चा

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

मुलताई प्रभात पट्टन ब्लॉक की ग्राम पंचायत काजली के सरपंच के खिलाफ उपसरपंच सहित 14 पंचों ने मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को उपसरपंच और पंचों ने सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एसडीएम राजेश शाह को आवेदन दिया। उपसरपंच सुदामा चौरे, पंच नंदकिशोर बनखेड़े, शिवराम बनखेड़े, कमला नरवरे, चंद्रकला वामनकर सहित 14 पंचों ने सरपंच समोती बाई पर वित्तीय अनियमितता करने सहित निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। पंचों ने बताया सरपंच शासन की योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को नहीं दे रही हैं। फर्जी मस्टर तैयार कर शासन की राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। सीसी रोड, कपिलधारा कूप निर्माण सहित अन्य निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती गई है। ग्राम पंचायत की बैठक में सरपंच निर्माण कार्यों के आय-व्यय की जानकारी नहीं देती हैं। जिसके संबंध में पूर्व में भी शिकायत की गई थी। उपसरपंच सहित पंचों ने सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया कराते हुए पद से पृथक करने की मांग की है। 

3 महीने के लिए 7 हजार 953 रुपए में मिलेगा अस्थाई बिजली कनेक्शन

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

 मुलताई| रबी फसल की सिंचाई के लिए अस्थाई कनेक्शन लेने वाले किसानों को तीन महीने का बिजली कनेक्शन मिलेगा। तीन हार्सपावर के तीन महीने के कनेक्शन के लिए किसानों को 7 हजार 953 रुपए जमा करना होगा। विद्युत वितरण कंपनी के उपमहाप्रबंधक संजय यादव ने बताया कंपनी ने अस्थाई कनेक्शन की दर सूची जारी की ह। पहले की ै तरह ही तीन महीने का अग्रिम लेकर सिंचाई के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। 5 हार्स पावर के तीन महीने के लिए 13 हजार 119 रुपए, साढ़े सात हार्सपावर के तीन महीने के कनेक्शन के लिए 20 हजार 867 रुपए और 10 हार्सपावर के तीन महीने के कनेक्शन के लिए 26 हजार 33 रुपए जमा करना होंगे।

दुनावा में कुएं में गिरने से वृद्धा की मौत

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

 मुलताई| दुनावा गांव में मंगलवार को खेत के कुएं में गिरने से एक बुजुर्गमहिला की मौत हो गई। पूर्वी उर्फ भागरथी पवार (65) सुबह खेत गई थी। मवेशियों को पानी पिलाने के लिए कुएं से पानी निकाल रही थी। इस दौरान संतुलन बिगड़ने से कुएं में गिर गई और पानी में डूबने से मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, शव को कुएं से बाहर निकाला। पुलिस ने पंचनामा बनाकर मर्ग कायम किया है।

पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने सुनी किसानो की समस्या

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

किसानों ने कहा: कुओं में नहीं पानी सूखाग्रस्त घोषित करने में आनाकानी


क्षेत्र में बारिश कम होने से डेमों में पानी का संग्रहण नहीं हो पाया है। कुओं का जल स्तर भी नहीं बढ़ा है। ऐसे में रबी फसल की सिंचाई करना मुश्किल हो जाएगा। यह बात मंगलवार को दो दर्जन से अधिक गांवों के किसानों ने किसान संघर्ष समिति के संस्थापक एवं पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम से कही। सिरसावाड़ी के मोतीराम पटेल ने कहा चंदोरा डेम के पानी से खेतों की सिंचाई होती है। डेम में मात्र चालीस प्रतिशत पानी का संग्रहण हुआ है। जिससे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलना मुश्किल है। एनस के रघु कोड़ले ने कहा एनस डेम में नाममात्र का पानी है। जौलखेड़ा के भागवत परिहार ने बताया बुंडाला डेम में भी पानी का संग्रहण नहीं हुआ है। बाडेगांव, सूखाखेड़ी, चिचंडा सहित अन्य डेमों में पानी नहीं है। पानी की कमी को देखते हुए डेमों से सिंचाई के लिए पानी लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भी शासन क्षेत्र को सूखाग्रस्त नहीं कर रहा है। डॉ. सुनीलम ने कहा क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग को लेकर 26 अक्टूबर को किसानों के साथ मिलकर एसडीएम को ज्ञापन दिया जाएगा। 


फसल बीमा के साथ दिया जाए मुआवजा 

सोयाबीन की खराब फसल के बदले किसानों ने फसल बीमा की राशि के साथ मुआवजा भी देने की मांग की। परमंडल के किसान लक्ष्मण बोरबन, डखरू खवसे, जगदीश दोड़के आदि ने कहा 8 एकड़ में 3 क्विंटल सोयाबीन का भी उत्पादन नहीं हो रहा है। फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। विनोदी महाजन ने बताया 10 एकड़ में सोयाबीन की बोवनी की थी। हर साल 70 क्विंटल का उत्पादन होता था। इस साल 5 क्विंटल भी होना मुश्किल है। डॉ. सुनीलम ने सरकार से खराब हुई फसल के एवज में किसानों को प्रति एकड़ 15 हजार रुपए का मुआवजा और फसल बीमा की राशि अलग से देने की मांग की। 

नगर पालिका के दैवेभो ने संशोधित सूची जारी करने की मांग की

ग्रामीण मीडिया सेण्टर


मुलताई| नगर पालिका में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ ने मंगलवार को सीएमओ राहुल शर्मा को आवेदन देकर संशोधित सूची जारी करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष श्याम सेवतकर सहित अन्य दैवेभो ने बताया 19 सितंबर को नपा के सूचना पटल पर वरिष्ठता सूची चस्पा की गई थी। जिसमें अनेक त्रुटी थीं। त्रुटियों को सुधारकर संशोधित विनियमितिकरण वरिष्ठता सूची लगानी थी। अभी तक सूची जारी नहीं की गई है। दैवेभो को कार्य कुशलता के आधार पर वेतन दिया जाना था, यह भी आज तक प्राप्त नहीं हुआ है। संघ ने दैनिक वेतन भोगियों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने की मांग की है। 

जिले के माउंटेन मेन: रामु यादव, गौलीढाना के 80 साल के बुजुर्ग दंपती ने पहाड़ का सीना चीरकर बनाया 2 किमी का मार्ग

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| बैतूल



पंख होने से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है... ये कहावत चिचोली ब्लॉक के 80 साल के बुजुर्ग दंपती ने चरितार्थ कर दी। इस दंपति ने हौसले के बूते पहाड़ का सीना चीरकर दो किमी सड़क बना दी। उनके कांपते हाथ और फूलता दम इनके इरादों को कमजोर नहीं कर पाया। अब वे और गांव के लोग आसानी से इस रास्ते से अपने खेतों में आते-जाते हैं। इस कारण अब ग्रामीणों को खेतों में जाने के लिए दिक्कत नहीं होती है | 

नहीं ली सरकारी मदद, 1 साल में बनाया दो किमी मार्ग 

आमतौर रास्ता नहीं होने पर लोग सरकार और जनप्रतिनिधियों का मुंह ताकते हैं, लकिे न चिचोली ब्लॉक के छोटे से गांव बालईमाल के गौलीढाना के रामू यादव (80) को खेत आने-जाने में दिक्कतें होती थी। तो उन्होंने खुद कुदाली उठाकर पहाड़ का सीना चीरना शुरू कर दिया। इसमें उनकी 75 साल की पत्नी बालिया बाई ने साथ दिया और एक साल में इन बुजुर्ग दपंती ने खेत तक आने-जाने का दो किमी का ग्रेवल मार्गबिना किसी सरकारी मदद बना दिया। 

रामू यादव के खेत के समीप ही रामकरण यादव की 5 एकड़, सुरजन यादव की 3, भैयालाल यादव की 2, मिश्री यादव की 3 गुलाब वटके की साढ़े तीन एकड़, शिवदीन वटके की ढाई एकड़ जमीन लगी हुई है। इनसे बात की तो उन्होंने बताया पहले हमें खेत तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ती थी। लकिे न रामू यादव ने एक साल पहले पहाड़ी काटना शुरू किया तो हम लोगों ने इसकी कल्पना भी नहीं कि जो काम किया जा रहा है वह भविष्य में सुगमता देगा। लकिे न उनकी 1 साल की मेहनत के बाद अब हम सभी खेतों में आसानी से पहुंचने लगे हैं। 

खेत में आने-जाने में होती थी परेशानी 

बालई माल निवासी रामू यादव ने बताया उनका खेत जंगल के रास्ते में होने से खेत तक जाने के लिए केवल पगडंडी रास्ता था। पगडंडी का रास्ता बेहद ऊबड़-खाबड़ होने के साथ पथरीला था। ऊपर से पहाड़ की चढ़ाई, जहां पैदल के अलावा गाड़ी बैल नहीं सकती थी। इस परेशानी को देखते हुए मन में विचार आया कि खुद ही मेहनत कर रोज थोड़ा-थोड़ा प्रयास करेंगे। यह बात पत्नी बालिया बाई को बताई और पक्के मन से एक दिन मार्ग बनाना शुरू कर दिया। एक साल में पहाड़ खोद डाला। और रास्ता बनाकर दिखाया।

अब निकल जाती है बैलगाड़ी और ट्रैक्टर 
बुजुर्ग दंपती को पहले खेत तक पहुंचने पर जगंं ल से गुजरना पड़ता था। पहाड़ी क्त्र हषे ोने से बैलगाड़ी और ट्रैक्टर से नहीं जा सकते थे, लकिे न अब रास्ता हो जाने से वहां ट्रैक्टर, बैलगाड़ी से आने-जाने लगे हैं। गांव के बजरंग मंदिर से खेत तक 10 फीट चौड़ा और लगभग 2 किलोमीटर लंबा मार्ग बना है। अब इस मार्ग से 80 वर्षीय रामू यादव और पत्नी बालिया बाई की हौसले की कहानी अब पूरे गांव की जुबान पर है। गांव के लोग को रास्ता और उम्र हैरत में डाल देती है।

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