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बुधवार, 30 अगस्त 2017

जनअभियान हुआ पुरुस्कृत


जनअभियान हुआ पुरुस्कृत




आज बैतूल कलेक्टर महोदय श्री शशांक मिश्रा द्वारा नमामि देवी नर्मदे यात्रा में उल्लेखनीय कार्य करने पर मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद बैतूल की जिला समन्वयक महोदया श्रीमती प्रिया चौधरी,भैंसदेही विकासखण्ड समन्वयक श्री विकासजी कुमरे,भीमपुर विकासखण्ड समन्वयक श्री दिनेश जी पवार,प्रभातपट्टन विकासखण्ड समन्वयक श्रीमती राधा बरोदे,आठनेर विकासखण्ड समन्वयक मधु चौहान एवम मुलताई विकासखण्ड समन्वयक श्रीमती जयप्रकाशी धुर्वे को मोमेंटो एवम प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया।
आप सभी की मेहनत,समर्पण एवम कार्य के प्रति निष्ठा को सादर नमन ।
आपको सभी ढेर सारी शुभकामनाएं।बधाइयाँ

चरैवेति.....चरैवेति...

भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशासन करेगा बर्खास्त : शिवराजसिंग चौहान

भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशासन करेगा बर्खास्त : शिवराजसिंग चौहान



क्रियान्वयन कार्य में स्थानीय परिस्थितियों अनुसार करें नवाचार
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भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों को चिन्हित करें, सेवा से पृथक किये जाएंगे
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीडियो कान्फ्रेंस में कलेक्टरों को बताई प्राथमिकताएँ
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टरों को शासन की प्राथमिकताएँ बताते हुए, प्रभावी प्रशासनिक व्यवस्था करने के लिये निर्देशित किया है। उन्होंने कहा है कि चुस्त-दुरूस्त राजस्व प्रशासन, आवास योजनाओं, गरीब कल्याण, कमजोर वर्ग कार्यक्रमों, भूमि पट्टा कानून, भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा एवं महिला स्व-सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण, कौशल विकास और रोजगार, कृषि आय को दोगुना करने और डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों का उत्कृष्ट क्रियान्वयन सरकार की प्राथमिकता है। इसके साथ ही 15 से 30 सितम्बर के मध्य किसान सम्मेलन, 11 से 30 नवम्बर तक रोजगार सम्मेलनों, 15 सितम्बर से दो अक्टूबर स्वच्छ भारत अभियान, पर्यटन प्रोत्साहन का 6 से 25 अक्टूबर और वित्तीय समावेशन का 25 सितम्बर से 4 अक्टूबर, महिला स्व-सहायता समूहों का 1 दिसम्बर से 15 फरवरी 2018 तक अभियान चलाकर प्रभावी कार्रवाई के लिये निर्देशित किया। श्री चौहान ने पुलिस अधीक्षकों को भी कानून एवं व्यवस्थाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय कर प्रभावी अग्रिम प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के निर्देश दिये। मंगलवार को आयोजित इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिले से कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, पुलिस अधीक्षक श्री डीआर तेनीवार एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री शीला दाहिमा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कलेक्टरों से कहा कि सामान्य जिम्मेदारियों के सफल संचालन के साथ ही सरकार के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये प्रभावी, नियोजित, त्वरित परिणामोन्मुखी कार्य-शैली विकसित करे। स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार नवाचार करें। प्रगति की प्रतिमाह रिर्पोटिंग शासन को करें। इसी के आधार पर अधिकारियों का वस्तुनिष्ठ आकलन कर मूल्यांकन किया जायेगा। अधिकारों का बेहतर और त्वरित परिणामों के लिये उपयोग करें। उन्होंने राजस्व प्रशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की जरूरत बताते हुए, अविवादित प्रकरणों का 15 नवंबर तक शत-प्रतिशत निराकरण करने के लिये कहा। तिथि के बाद दंडात्मक कार्रवाई होगी। राजस्व न्यायालयों के नियत समय और दिवस निर्धारित रहे। अधिकारी न्यायालय में रहे। उन दिवसों में उनकी वी.आई.पी. ड्यूटी भी नहीं लगायी जाये। गरीब कल्याण कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। भूमि पट्टा कानून के परिप्रेक्ष्य में सितंबर माह में जिले में निवास करने वाले ऐसे परिवारों को चिन्हांकित कर ले जिनके पास पट्टे हैं अथवा जो बिना पट्टे के हैं। साथ ही जो अनुपयुक्त स्थान पर निवास कर रहे हैं। प्रदेश में अक्टूबर से दिसंबर माह के मध्य ऐसे भूमिहीन परिवारों को निवास के लिये वैधानिक भूमि अधिकार उपलब्ध करवाया जायेगा। अनुपयुक्त स्थान पर वास करने वालों को सम्मानपूर्वक पुनर्वासित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही। कहा कि योजना क्रियान्वयन में राज्य प्रथम स्थान पर है। कार्य की गति धीमी नहीं हो। ग्रामीण आवास मिशन की उपयोगिता का परीक्षण भी किया जाये। श्री चौहान ने सुशासन के प्रभावी माध्यमों मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, लोक सेवा प्रदाय गारंटी कानून, जन-सुनवाई और समाधान ऑनलाईन का बेहतर उपयोग कर जनता में प्रभावी कार्रवाईयाँ का विश्वास अर्जित करने के लिये कहा। शांति एवं व्यवस्था के क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक कार्रवाईयाँ तत्परता से करने के निर्देश दिये। पुलिस अधिकारियों के साथ सतत संवाद रखते हुए टीम में काम करने के लिये प्रेरित किया। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के लिए भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची बनाकर शासन को भेजने की बात कही। ताकि उनको सेवानिवृत्त और सेवा से पृथक करने की नियमानुसार कार्रवाई हो। राज्य स्तर पर भी ऐसी कार्रवाई की जायेगी। कमजोर वर्ग उत्थान के प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने पर विशेष बल दिया। प्रधानमंत्री के मिशन अन्त्योदय की नियमित निगरानी करने के लिए कहा। बताया कि वर्ष 2019 तक 5 हजार 500 ग्राम पंचायतों को गरीबी से मुक्त करना है। इसी तरह किसानों की आय को दोगुना करने के कार्य की गति धीमी नहीं पड़ने पा

9 हज़ार रुपये की चाय पीकर पैसे देने में आनाकानी कर रहे अधिकारी

नौ हजार की चाय पीकर अधिकारियों ने भुगतान से खड़े किए हाथ


बैतूल। जनपद पंचायत बैतूल में पिछले एक साल के अंदर अधिकारी एवं कर्मचारियों ने नौ हजार रुपए से अधिक की चाय पी ली और भुगतान की बारी आई तो चाय विक्रेता से आदेश के संबंध में कापी मांगी जा रही है। अब चाय विक्रेता अपने भुगतान को लेकर जनपद के चक्कर लगाने सहित जनसुनवाई में आवेदन कर चुका हैं लेकिन चाय के भुगतान को लेकर कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा है। ऐसे में गरीब चाय विक्रेता को अपना कामधाम छोड़कर अधिकारियों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जनपद पंचायत के बाहर चाय की दुकान लगाने वाले विक्रेता खेमसिंह राजपूत ने बताया कि उसके द्वारा जनपद पंचायत बैतूल में वर्ष २०१५ एवं १६ में चाय प्रदाय की गई थी। जिसके भुगतान के लिए उसके द्वारा नौ हजार का बिल लगाया गया था लेकिन अधिकारी एवं कर्मचारियों ने बिल के भुगतान को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। अधिकारी का कहना है कि जो चाय प्रदाय की गई थी उसका आदेश बताया जाए। चूंकि पूर्व के अधिकारियों द्वारा मौखिक आदेश पर चाय बुलवाई जाती थी इसलिए लिखित में कोई आदेश नहीं थे। अब मौखिक आदेश को न मानते हुए अधिकारी एवं कर्मचारी भुगतान करने से मना कर रहे हैं। चाय विक्रेता खेमसिंह का कहना था कि पूर्व में अधिकारी द्वारा अपने स्तर पर भुगतान करने का आश्वासन दिया जाता रहा, लेकिन अब सभी इंकार कर रहे हैं। इस स्थिति के चलते खेमसिंह ने मामले की शिकायत जनसुनवाई में दो बार कर चुके हैं लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो सका है। उनका कहना है कि दो वक्त की रोजी-रोटी के लिए वे चाय बेचकर अपना गुजारा करते हैं लेकिन इसमें भी सरकारी अधिकारी बगैर लिए-दिए भुगतान करने में आनाकानी करते हैं। अब ऐसे में गरीब आदमी कैसे अपना गुजारा करेगा।खेमसिंह ने बताया कि उसके द्वारा आधा दर्जन बार शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है लेकिन प्रशासन द्वारा आज तक भुगतान को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसके तीन साल पूर्व भी १७ हजार रुपए का भुगतान नहीं किया गया था और अब नौ हजार के भुगतान के लिए बार-बार चक्कर लगवाए जा रहे हैं।

सरकारी स्कूल होंगे अब निजी हाथों में

पूरे देश में सरकारी स्कूलों का निजीकरण होगा


कुछ समय पहले तक मप्र की शिवराज सिंह सरकार ने शासकीय स्कूलों की निजीकरण की योजना बनाई थी परंतु अब मोदी सरकार ने पूरे देश में सरकारी स्कूलों के निजीकरण की तैयारी शुरू कर दी है। नीति आयोग ने दलील दी है कि पढ़ाई-लिखाई के लिहाज से खराब स्तर वाले सरकारी स्कूलों को निजी हाथों को सौंप दिया जाना चाहिये। आयोग का मानना है कि ऐसे स्कूलों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत निजी कंपनियों को दे दिया जाना चाहिए। आयोग ने हाल में जारी तीन साल के कार्य एजेंडा में यह सिफारिश की है। इसमें कहा गया है कि यह संभावना तलाशी जानी चाहिए कि क्या निजी क्षेत्र प्रति छात्र के आधार पर सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित सरकारी स्कूल को अपना सकते हैं।रिपोर्ट के अनुसार समय के साथ सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इसमें दाखिले में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है, जबकि दूसरी तरफ निजी स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या बढ़ी है। इससे सरकारी स्कूलों की स्थिति खराब हुई है।


आयोग ने कहा कि शिक्षकों की अनुपस्थिति की ऊंची दर, शिक्षकों के क्लास में रहने के दौरान पढ़ाई पर पर्याप्त समय नहीं देना तथा सामान्य रूप से शिक्षा की खराब गुणवत्ता महत्वपूर्ण कारण हैं, जिसके कारण सरकारी स्कूलों में दाखिले कम हो रहे हैं और उनकी स्थिति खराब हुई है। निजी स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों का परिणाम खराब है। रिपोर्ट के अनुसार इस संदर्भ में अन्य ठोस विचारों की संभावना तलाशने के लिये इसमें रुचि रखने वाले राज्यों की भागीदारी के साथ एक कार्य समूह गठित किया जाना चाहिए।


नीति आयोग के अनुसार, ‘‘इसमें पीपीपी मॉडल की संभावना भी तलाशी जा सकती है। इसके तहत निजी क्षेत्र सरकारी स्कूलों को अपनाए, जबकि प्रति बच्चे के आधार पर उन्हें सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित किया जाना चाहिए। यह उन स्कूलों की समस्या का समाधान दे सकता है, जो खोखले हो गये हैं और उनमें काफी खर्च हो रहा है।’’ वर्ष 2010-2014 के दौरान सरकारी स्कूलों की संख्या में 13,500 की वृद्धि हुई है लेकिन इनमें दाखिला लेने वाले बच्चों की संख्या 1.13 करोड़ घटी है। दूसरी तरफ निजी स्कूलों में दाखिला लेने वालों की संख्या 1.85 करोड़ बढ़ी है।


आंकड़ों के अनुसार 2014-15 में करीब 3.7 लाख सरकारी स्कूलों में 50-50 से भी कम छात्र थे। यह सरकारी स्कूलों की कुल संख्या का करीब 36 प्रतिशत है।

नवीन (आंगले) स्कुल के खेल मैदान में नगर पालिका का सब्जी बाजार का मामला


आंगल स्कुल के  खेल मैदान में नगर पालिका का  सब्जी बाजार  का मामला



मुलताई।   लम्बे समय से ये मांग उठ रही है की स्कूल के खेल मैदान से साप्ताहिक सब्जी बाजार अलग हो।  अभी तक नगर पालिका ने जो बाजार ठेके से वसूली की है उसमे से आधा रूपया स्कुल को दे।
क्या कहता है क़ानून इस बारे में जाने --
खेल का अधिकार और बच्चो का विकास हमारा संविधानिक अधिकार है।  अनुच्छेद ३१ के अनुसार बच्चो आराम करने,खेलने,मनोरंजन और संस्कृति का अधिकार है। शिक्षा का अधिकार संविधान के मौलिक अधिकार का अहम् हिस्सा है। इस अधिकार  को सुरक्षित करने के लिए 'शिक्षा का अधिकार क़ानून २००९ ' बनाया गया।  क़ानून कहता है की
हर स्कूल में खेल मैदान होगा।
मानव ससाधन विकास मंत्रालय ने २६ अक्टूबर २०१२ को मध्य प्रदेश सरकार ने १६ सितम्बर २०१३ को निर्देश जारी करके स्पष्ट किया की प्रत्येक स्कूल में खेल मैदान की व्यवस्था होना है।
प्रदेश में गांव गांव में खेल मैदान और हाट बाजार बन रहे है।  वही मुलताई में स्कूल की भूमि पर अतिक्रमण कर हाट बाजार लग रहे है। राम मंदिर की भूमि पर कोर्ट की बिना अनुमति के मेला लग रहा है। सब्जी बाजार के लिए कलेक्टर के आदेश के बाद कोर्ट की अनुमति की बात समझ से परे है। फर्जी ट्रस्ट ने तो खेत बेचा था उस का प्रकरण चल रहा है। मंदिर ट्रस्ट का प्रधान कलेक्टर होता है. मंदिर का जो केश है वह धोखा धड़ी ४२० का है।  ये मंदिर की आय होगी जनहित का मामला है। साथ ही स्कूल का खेल मैदान खाली होगा तो खेल का अधिकार और बच्चो का विकास होगा। पर मुलताई के कुछ नेता इस को उलझा कर अपना उल्लू सीधा करना चाहते है। उनको मंदिर की आय और बच्चो के खेलो से कोई लेना देना नही है , नगर की अधिकांश जनता चाहती है की राम मंदिर की भूमि पर बाजार लगे स्कूल की भूमि मुक्त हो. बाजार का रुपए मंदिर को मिले।

दिशा की बैठक आज


दिशा की बैठक आज
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जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक 30 अगस्त बुधवार को प्रात: 9 बजे से जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित होगी। बैठक की अध्यक्षता सांसद श्रीमती ज्योति धुर्वे करेगीं। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन, मनरेगा, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना, प्रधानमंत्री आवास मिशन, प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा की जाएगी।

कम वर्षा की स्थिति में फसलों के लिये आपात योजना बनेगी


कम वर्षा की स्थिति में फसलों के लिये आपात योजना बनेगी


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार भोपाल मंत्रालय में सम्पन्न कृषि केबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए फसलों के लिये आपात योजना बनाई जाये। साथ ही पेयजल की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बाँधों से सिंचाई की योजना बनाई जाये। बैठक में कृषि केबिनेट के सदस्य मंत्रीगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिले, इसकी रणनीति बनाई जाये। आगामी पन्द्रह सितम्बर के बाद वर्षा की स्थिति का आकलन कर फसलों की आपात योजना की पुन: समीक्षा की जाये। कम वर्षा की स्थिति में बोयी जाने वाली फसलों के बारे में किसानों को जानकारी दी जाये।
बताया गया कि प्रदेश के 21 जिलों में सामान्य, 29 जिलों में सामान्य से कम तथा एक जिले में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। आगामी 12 सितम्बर तक अच्छी वर्षा होने की संभावना है। प्रदेश में इस बार खरीफ में उड़द का क्षेत्र साढ़े छह लाख हेक्टेयर बढ़ा है। जबकि धान का क्षेत्र ढाई लाख हेक्टेयर तथा सोयाबीन का क्षेत्र चार लाख हेक्टेयर कम हुआ है। खरीफ में इस बार 130 लाख 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हुई है, जो पिछले वर्ष से छह लाख हेक्टेयर अधिक है। उर्वरक की खपत में पन्द्रह प्रतिशत की बढ़त हुई है, जिसमें डीएपी का उपयोग 37 प्रतिशत बढ़ा है। प्रदेश के बड़े बाँधों में जल स्तर की मॉनीटरिंग की जा रही है।

भावान्तर भुगतान योजना
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बैठक में भावान्तर भुगतान योजना की जानकारी दी गई। यह योजना किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने और मण्डी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये बनाई गई है। यह योजना खरीफ 2017 के लिये पायलेट योजना के रूप में चलाई जायेगी। इसके लिये किसानों का पंजीयन आगामी एक से 30 सितम्बर तक भावान्तर भुगतान योजना पोर्टल पर किया जायेगा। धान और गेहूँ क्रय करने वाली तीन हजार प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाओं में पंजीयन किया जायेगा। योजना का लाभ मध्यप्रदेश के किसान राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसल पर ले सकेंगे। योजना में शामिल फसलों में सोयाबीन, मूँगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूँग, उड़द और तुअर हैं। योजना में पंजीयन के बाद किसानों को यूनिक आईडी प्रदान किया जायेगा। आदर्श विक्रय दर की गणना मध्यप्रदेश तथा दो राज्यों की मॉडल मण्डी दरों का औसत होगी। भावान्तर भुगतान योजना में अंतर की राशि किसान के खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से जमा करवाई जायेगी।
बैठक में वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, जल संसाधन एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय शाह, ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, पशुपालन एवं मत्स्य विकास मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री रूस्तम सिंह सहित मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कल 31 अगस्त को लगेगी एक्सीलेंस में बोली


नहीं लगी उचित बोली, नीलामी स्थगित

मुलताई| एक्सीलेंस स्कूल में छत की मरम्मत के दौरान सागौन और आलपाल की बल्लियां, कवेलू सहित अन्य सामग्री निकली थी। उक्त सामग्री की नीलामी रखी थी। प्राचार्य आईके मालवीय ने बताया नीलामी प्रक्रिया में उचित बोली नहीं आने से नीलामी स्थगित कर दी गई। अब 31 अगस्त को दोबारा होगी

रोजगार कार्यालय में महिला स्वरोजगार मेला कल



रोजगार कार्यालय में महिला स्वरोजगार मेला कल





बैतूल| रोजगार कार्यालय एवं जिला महिला सशक्तिकरण कार्यालय द्वारा महिला स्वरोजगार मेले का आयोजन 31 अगस्त को 11 बजे से जिला रोजगार कार्यालय कलेक्टोरेट के सामने बैतूल में किया जाएगा। महिला स्वरोजगार मेले में कौशल विकास विभाग, कृषि विभाग, मत्स्य विभाग, ग्रामोद्योग एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्यानिकी विभाग, जिला उद्योग एवं व्यापार बैतूल में संचालित योजनाओं के तहत रोजगार प्राप्त करने महिलाओं का चयन किया जाएगा।

नपा के 48 कर्मचारी फर्जी गरीब बनकर ले रहे योजना का लाभ, दिए नोटिस


नपा के 48 कर्मचारी फर्जी गरीब बनकर ले रहे योजना का लाभ, दिए नोटिस



मुलताई| नगर पालिका में कार्यरत 48 कर्मचारी फर्जी गरीब बनकर शासन की योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। आर्थिक रूप से सक्षम होने के बाद भी कर्मचारी बीपीएल कार्डधारी हैं। एसडीएम राजेश शाह ने मंगलवार को बीपीएल कार्डधारी कर्मचारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। सात दिनों के भीतर कार्ड जमा नहीं करने पर एफआईआर करने की चेतावनी दी। वास्तविक गरीब बीपीएल कार्ड बनाने के लिए परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर नपा में कार्यरत मासिक और साप्ताहिक कर्मचारी बीपीएल कार्ड के माध्यम से योजना का लाभ ले रहे हैं। कर्मचारी नपा से वेतन उठाने के साथ बीपीएल की सूची में भी शामिल हैं। ऐसे कर्मचारियों को चिंहित कर एसडीएम ने नोटिस जारी किए हैं। एसडीएम ने बताया सक्षम आय होने के बाद भी कर्मचारी बीपीएल कार्ड का उपयोग कर रहे हैं। बीपीएल कार्डधारी कर्मचारियों को इस संबंध में नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

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