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मंगलवार, 12 सितंबर 2017

प्रदेश के 16 जिलों में सामान्य और 35 जिलों में सामान्य से कम वर्षा

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

प्रदेश के 16 जिलों में सामान्य और 35 जिलों में सामान्य से कम वर्षा


मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून में एक जून से 12 सितंबर तक प्रदेश के 16 जिले ऐसे हैं जहाँ सामान्य वर्षा दर्ज हुई है। कम वर्षा वाले जिलों की संख्या 35 है। अभी तक हुई सामान्य औसत वर्षा 639.5 मिमी दर्ज की गई है जबकि प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 856.6 मिमी है।
सामान्य वर्षा वाले जिले कटनी, रीवा, सिंगरौली, इंदौर, धार, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, आगर-मालवा और राजगढ़ हैं।
कम वर्षा वाले जिले जबलपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सीधी, सतना, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, अलीराजपुर, देवास, शाजापुर, मुरैना, श्योपुर, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, हरदा, बैतूल और होशंगाबाद हैं।

मध्यस्थता जागरूकता शिविर 15 सितंबर को

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 15 सितंबर को ग्राम पंचायत बडोरा में दोपहर 2 बजे से मध्यस्थता जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाएगा। शिविर में न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी बैतूल श्री अमन मलिक, अधिवक्ता एवं पैरालीगल वालेंटियर द्वारा मध्यस्थता जागरूकता संबंधी जानकारी दी जाएगी।

प्रवाहमान जल रोकने का अभियान चलेगा 15 सितम्बर से

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

अवर्षा की स्थिति में भी किसान की आय नहीं घटेगी बनी कार्ययोजना

सिंचाई के लिये जल की उपलब्धता का आंकलन कर किसानों को बताएं - मुख्यमंत्री श्री चौहान
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बहते पानी को रोकने के लिये 15 सितम्बर से अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अवर्षा की स्थिति में किसानों की आय घटे नहीं, इसके लिये कार्य-योजना बनाने स्वच्छता पखवाड़ा मनाने, और अवर्षा की स्थिति अनुसार रबी फसल की तैयारियां करवाने के लिये कहा है। प्रभारी मंत्रियों से कहा है कि 15 से 20 सितम्बर के मध्य प्रभार वाले जिले में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सिंचाई के लिये जल की उपलब्धता का आकलन करें। उपलब्ध जल के आधार पर सिंचाई की आकस्मिक कार्य योजना बनवाएं तथा किसानों को उससे अवगत कराने के प्रभावी प्रबंध करें।
श्री चौहान मंगलवार को मंत्रालय भोपाल में मंत्रिपरिषद बैठक उपरांत मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ अल्पवर्षा की स्थिति से निपटने की आकस्मिक कार्य योजना की समीक्षा कर रहे थे। कृषि, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पशुपालन सहकारिता और नगरीय प्रशासन विभागों द्वारा अल्पवर्षा के दृष्टिगत तैयारियों की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण दिया। बताया गया है कि मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल के सभी सदस्य पानी रोकने के लिये जनजागृति के प्रयासों में सक्रिय भागीदारी करेंगे। बोरी बंधान बनावाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले की अल्पवर्षा की आकस्मिक योजना की जानकारी किसानों तक प्रभावी ढंग से पहुँचे। ग्राम सभाओं का आयोजन करवाया जाये। किसानों को सिंचाई के लिये जल की स्थिति, अल्प-अर्ध सिंचित फसलों और उनके बीजों की उपलब्धता की जानकारियां पर्याप्त समय रहते दी जायें। कृषि, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त रूप से युद्धस्तर पर किसानों को स्थिति से निपटने के प्रयासों के प्रति जागरूक करें। किसान सम्मेलनों, जल उपभोक्ता संस्थाओं विभिन्न मंचों आदि और जनसंचार के सभी माध्यमों का उपयोग कर समाज को अवर्षा की स्थिति से निपटने के लिये तैयार करें। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी किसानों की आय घटे नहीं इसके लिए टॉस्क तय करें, जनता को जोड़े और सर्वश्रेष्ठ के लिए संकल्प लेकर नया कीर्तिमान स्थापित करें।
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से कहा कि जल स्त्रोतों में उपलब्ध जल की स्थिति से किसानों को पहले से अवगत कराएँ। रबी फसल की बोनी और खरीफ की अवर्षा से प्रभावित फसलों के लिये जल उपलब्धता का सर्वश्रेष्ठ नियोजित उपयोग हो। लक्ष्य स्पष्ट है किसान की फसल जितनी बेहतर करवा सकते है, करवाई जाये। रबी की तैयारियों, पेयजल और स्वच्छता के संबंध में जनजाग्रति के लिये हर पंचायत में रथ भिजवाएं। धान की खड़ी फसल को बचाने की सिंचाई परियोजनावार कार्य नीति बनायें। सिंचाई के लिये जल उपलब्धता का आंकलन व्यवहारिक आधार पर करें ताकि क्षेत्र के सभी खेतों को समानरूप से सिंचाई जल मिल सके। बहते जल को रोकने के प्रयासों की प्रभारी मंत्री द्वारा मॉनीटरिंग भी की जायें।
मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया कि जुलाई 2018 तक की कार्य योजना का प्रारूप पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ समन्वय कर आगामी मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्तुत करें। प्रारूप में संचालन और समन्वय संबंधी बाधाओं को दूर करने और प्रक्रियाओं के सरलीकरण का प्रस्ताव दें। बंद नल जल योजनाओं को पुन: चालू करने के लिये आवश्यक उपायों और संधारण संबंधी संसाधनों की उपलब्धता के प्रस्ताव प्रस्तुत करें। उन्होंने हैंडपंप खनन के लक्ष्यों को बढ़ाने और उनमें छोटी मोटरें डलवाने के लिये आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सहकारिता, पशुपालन और नगरीय विकास की कार्य योजनाओं की समीक्षा की। नगरीय विकास के अधिकारियों को निर्देशित किया कि पेयजल का अभाव नहीं हो यह सुनिश्चित करें। पशुपालन विभाग को धान, मक्का और सोयाबीन फसलों के भूसे को बचाये रखने का जनजागृति अभियान चलाने के लिये कहा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 15 सितम्बर से दो अक्टूबर के मध्य मनाए जाने वाले स्वच्छता पखवाड़े की भी समीक्षा की। उन्होंने अभियान में मंत्रिपरिषद के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा करते हुये श्रमदान के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिये कहा उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि स्वच्छता पुरस्कारों में 80 प्रतिशत पुरस्कार मध्यप्रदेश को मिले है। यह स्थिति बदलें नहीं इसे और बेहतर करने के लिये समग्र कार्ययोजना तैयार करें जिसमें राज्य, जिला तथा ग्रामस्तर तक किये जाने वाले कार्यक्रमों की पूरी रुपरेखा हो। जिलास्तर पर 17 सितम्बर को सफाई और श्रमदान का अभियान चलाया जाये। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और अधिकारियों को अवर्षा की विकट स्थिति का सामना सफलतापूर्वक करने और उस पर विजय प्राप्त करने के लिये संकल्पित करवाया।

मधुमक्खी पालन हेतु एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण 20 सितंबर को

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

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मधुमक्खी पालन कृषि से ही जुड़ा एक व्यवसाय है, जिसमें कम लागत और अधिक मुनाफा है। किसानों की आय को सुदृढ़ करने हेतु मधुमक्खी पालन कृषि के अतिरिक्त आय का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकता है। जिले में मधुमक्खी पालन हेतु उपयुक्त वातावरण एवं मधुमक्खी पालन हेतु आवश्यक फसलों की उपलब्धता को देखते हुए जिले में मधुमक्खी पालन की काफी संभावना है। देशी और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में शहद की लोकप्रियता और मांग की वजह से मधुमक्खी पालन तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। कृषि से जुड़े लोग या फिर बेरोजगार युवक भी इस व्यवसाय को आसानी से अपना सकते हैं तथा इस उद्योग से लाखों रूपए प्रति वर्ष कमा सकते हैं।
मधुमक्खी पालन से जहां एक ओर किसानों को अच्छी आय होती है वहीं मधुमक्खी पालन से फसलों में परागण अच्छी तरह होने से कृषि उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होती है। मधुमक्खी पालन से शहद, मोम, रॉयल, जैली आदि अतिरिक्त उत्पाद भी प्राप्त होते हैं जो किसानों की अतिरिक्त आमदनी का बेहतर जरिया साबित होते हैं। मधुमक्खी पालन से बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलने की भी अपार संभावनाएं हैं।
उप संचालक उद्यान ने बताया कि किसानों का मधुमक्खी पालन की ओर रूझान बढ़ाने तथा इस योजना का लाभ लेने हेतु उद्यानिकी विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम 20 सितंबर को प्रात: 10 बजे से कृषि विज्ञान केन्द्र बैतूलबाजार में रखा गया है, जिसमें विभागीय अधिकारियों एवं विशेषज्ञों द्वारा जिले के उत्सुक कृषकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। उपरोक्त प्रशिक्षण में शहद उत्पादन करने के लिए उचित वातावरण, नए-नए उपकरण एवं प्रबंध की जानकारी, उत्पादन के लिए उच्चकोटि की तकनीक, अधिक शहद देने वाली मधुमक्खियों की प्रजातियां, नस्ल सुधार एवं रोगों से बचने की सम्यक जानकारी तथा वैज्ञानिक विधि से मधुमक्खी पालन में नवनिर्मित तकनीक आदि का ज्ञान दिया जाएगा।
जिले के इच्छुक कृषकों से प्रशिक्षण में उपस्थित होने की अपेक्षा की गई है। अधिक जानकारी हेतु इच्छुक कृषक अपने विकासखण्ड कार्यालय अथवा उप संचालक उद्यान कंपनी गार्डन बैतूल में कार्यालयीन समय में संपर्क कर सकते हैं।

नगर के गाँधी चौक में हर रात लगता पशु मेला


ग्रामीण मीडिया सेण्टर मुलताई 


नगर में आवारा पशुओं का आतंक, कांजी हाउस भी फुल

नगर के गाँधी चौक में हर रात लगता पशु मेला यह बात जानकर आपको अजीब महसूस हो रहा होगा परन्तु यह सच बात है| नगर के गाँधी चौक में हर रात इतने सारे आवारा पशु इकट्ठे हो जाते है की यंहा पशु मेले का अहसास होता है |  नगर में  भी आप जंहा भी देखेंगे आपको आवारा पशु यंहा-वंहा विचरण करते हुए मिल जायेंगे फिर उन पशुओं में कुत्ते, सांड, गाय कुछ भी हो सकता है| नगर में कांजी हाउस भी है परन्तु वो भी पूरा भरा हुआ है क्योंकि वंहा से कोई भी आकर अपने पशु वापस नहीं ले जाता है | नगर में दिन प्रति दिन इन पशुओं की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है | कभी यह पशु रोड पर जाम की स्तिथि पैदा कर देतें है तो कभी किसी को नुकसान पंहुचा देते हैं| नगर अगर यही स्तिथि बानी रही तो इंसान काम और पशु ज्यादा नज़र आएंगे | नगर के गाँधी चौक की बात की जाये तो यंहा तो रात में पूरा गाँधी चौक सिर्फ पक्षों से ही सुसज्जित रहता है | यंहा का माहौल किसी पशु बाजार से काम नहीं है | ऐसे में यदि प्रशासन द्वारा अभी कदम नहीं उठाया गया तो किसी दिन कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है|  ग्रामीण मीडिया से बात करते हुए कांजी हाउस के कर्मचारियों ने बताया की नगर में पशुमालिक उन के पशु जो अब किसी  नहीं है उन्हें नगर में आवारा छोड़ देते है और अब तो कांजी हाउस में भी जगह नहीं है | 

नगर के गाँधी चौक में हर रात लगता पशु मेला 

मलोलखापा के शिवपूरी ढाना मे अब महिलाओं को राहत

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| मलोलखापा


ग्राम पंचायत  भैसादण्ड ग्राम  मलोलखापा के शिवपूरी ढाना मे एक बोर किया गया जिसमें हेण्ड पम्प लगाया है  गांव की र्माहलाये एक किलो मिटर नदी पार करके पानी लाती थी नदी पार करके जाने में परेशानी  होती थी जो अब  खत्म हो गई है|  सरपंच ,र्साचव के द्वारा ग्रामीणो को कहा की आप सभी को हर संभव मदद दी जायेगी एव योजनाओ का लाभ भी दीया जायेगा | र्साचव श्री अशोक भादे  सरपंच  एव सहा . रोजगार के द्वारा ग्रामीणो को स्वच्छता  के बारे में बताया | ग्रामीणों  जो रोड के किनारे कुडा कचरा डालते थे उन्हे भी  समझाया एव रोड पर कचरा  न  डालने  की समझाइश दी एव ग्राम की रोड की साफ सफाई कराई रोड पर जो घुडे थे उन्हें हटाने को कहा | 

ग्राम बाड़ेगांव में कल ११ को पशुओं को एक टांगी बीमारी से बचने के लिए टीकाकार

ग्रामीण मीडिया सेण्टर | बड़ेगाव 


ग्राम बाड़ेगांव में कल ११ को पशुओं को एक टांगी  बीमारी से बचने के लिए टीकाकार किया गया | ग्रामपंचायत के ग्राम टेमझिरा ब में पहले ५ जानवर इस बीमारी से मरचुके थे जिसके बाद यह शिविर लगाया गया था 

ग्राम बरई में जल संरक्षण को लेकर बैठक आयोजित

ग्रामीण मीडिया सेण्टर| ग्राम बरई
ग्राम बरई में जल संरक्षण को लेकर बैठक आयोजित 


ग्राम बरई में आज ग्रामीणों को पंचायत भवन में ग्रामीणों को एकत्रित करके जल संरक्षण और स्वच्छता की जानकारी BSW और जनअभियान ने मिलकर दी है | कार्यक्रम में एलसीडी के माद्यम से उन्हें स्वच्छता की जानकारी दी गई साथ ही उन्हें पानी का महत्व भी समझया गया | 

स्वाइन फ्लू एवं अन्य संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम रखे जाएं- कलेक्टर श्री शशांक मिश्र

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

स्वाइन फ्लू एवं अन्य संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम रखे जाएं- कलेक्टर श्री शशांक मिश्र
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मैदानी स्वास्थ्य अमला मुख्यालय पर रहे
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मोबाइल टावर लोकेशन से की जा सकती है जांच
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कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने स्वास्थ्य विभाग के अमले को स्वाइन फ्लू एवं अन्य संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए सजग रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसी बीमारियों के उपचार हेतु पुख्ता इंतजाम रखे जाएं। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारी मुख्यालय पर निवास करें। मुख्यालय पर निवास नहीं करने वाले कर्मचारियों की मोबाइल टॉवर लोकेशन से जांच की जा सकेगी। 
सोमवार को आयोजित स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि सभी शासकीय चिकित्सालयों में निजी चिकित्सालयों की तर्ज पर साफ-सफाई एवं उपचार व्यवस्था की चेक-लिस्ट तैयार की जाए, जिसे प्रतिदिन सक्षम स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जांचा जाए। चेक-लिस्ट में पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं पाए जाने पर क्रास का निशान लगाया जाए। कलेक्टर ने स्वाइन फ्लू पर एक मीडिया वर्कशॉप आयोजित करने के भी निर्देश दिए, जिसमें जनप्रतिनिधियों सहित मीडिया प्रतिनिधियों, महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप मोजेस ने बताया कि जिले में अब तक स्वाइन फ्लू के 16 प्रकरण परीक्षण हेतु भेजे गए हैं, जिनमें से पांच प्रकरण सकारात्मक आए। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन निजी एवं शासकीय चिकित्सायलों से सेम्पल एकत्रित कर एम्स भोपाल भेजे जाते हैं। जिला अस्पताल में स्वाइन फ्लू की पर्याप्त दवाइयां एवं वेंटीलेटर उपलब्ध है। सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बुखार, सर्दी, खांसी वाले सभी मरीजों की पाल्स ऑक्सीमीटर से जांच की जाए एवं ऑक्सीजन सेचुरेशन 90 प्रतिश से कम आने पर तुरंत जिला चिकित्सालय भेजा जाए। लोगों को सलाह दी जा रही है कि बिना चिकित्सक की सलाह के दवाइयों का सेवन न करें। डॉ. मोजेस ने बताया कि जो कर्मचारी मुख्यालय पर निवास नहीं कर रहे हैं, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। 

स्क्रब टाइफस से रहें सावधान
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बैठक मेें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि स्क्रब टाइफस एक वायरल बीमारी है, जिसमें कीड़े के काटने से लाल निशान बन जाता है एवं बुखार आता है। इस पर आमजन को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। निशान को इश्चर कहते हैं, इसकी दवा टॉक्सी साइक्लीन या इरिजोमॉईसिन नाम की एन्टीबायोटिक दवा उपलब्ध है। यह बीमारी खतरनाक इसलिए है कि दवा न लेने से मौत भी हो सकती है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि स्क्रब टाइफस से बचने के लिए लोगों को बीमारी को छिपाने के बजाय तत्काल स्वास्थ्य केन्द्र में संपर्क करने की सलाह दी जाना चाहिए। स्क्रब टाइफस हेतु हरदा में उप अनुसंधान केन्द्र बनाया जा रहा है। 

निजी चिकित्सकों का सहयोग लेने के निर्देश
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बैठक में जिले में संक्रामक बीमारियों से निपटने एवं त्वरित उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने निजी चिकित्सकों से आपसी समन्वय स्थापित कर उनका सहयोग लेने पर भी चर्चा की गई। स्वाइन फ्लू के उपचार हेतु संजीवनी अस्पताल, राठी अस्पताल एवं पाढर चिकित्सालय को चिन्हित किया गया। डॉ. मोजेस ने बताया कि चिन्हित निजी चिकित्सालयों में टेमी फ्लू की दवा एवं जांच किट उपलब्ध कराई जा रही है। 
बैठक में अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की स्थिति की भी समीक्षा की गई। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा सहित शहर के प्रमुख निजी चिकित्सक भी मौजूद थे।

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