प्रदेश में डिजिटल सुशासन की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढाते हुए अब नागरिकों को “समाधान एक दिन -तत्काल सेवा प्रदाय” की नई व्यवस्था के अंतर्गत एक दिन में सेवाएं मिलने लगेंगी।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान नई व्यवस्था की शुरूआत 11 जनवरी 2018 को करेंगे। प्रारंभिक रूप से 14 विभागों की 45 सेवाओं को शामिल किया गया है जिनका प्रदाय एक ही दिन में हो जायेगा। लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से सेवाओं के प्रदाय की तैयारियां कर ली हैं।
नागरिक किसी भी लोक सेवा केन्द्र में सुबह साढ़े नौ बजे से डेढ़ बजे तक चिन्हित सेवाओं में से चाही गई सेवा के लिये आवेदन दे सकेंगे। उन्हें शाम तक सेवा प्रदाय हो जायेगी। इसके लिये सेवाओं से जुड़े विभागों के अधिकारियों और जिला एवं तहसील स्तर पर संबंधित अधिकारियों को अधिकृत किया जायेगा। लोक सेवा केन्द्रों में सहायक स्टाफ की व्यवस्था भी की जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गत दिवस “समाधान एक दिन -तत्काल सेवा प्रदाय” व्यवस्था में दी जाने वाली सेवाओं की विस्तार से समीक्षा की। यह सेवायें लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं में से ली गई हैं जिनके प्रदाय के लिये अलग-अलग समय अवधि निर्धारित हैं। उल्लेखनीय है अभी 397 सेवाएं दी जा रही हैं।
श्री चौहान ने कहा कि लोक सेवा प्रदाय की गारंटी में देश में ऐतिहासिक पहल करने के बाद डिजीटल गवर्नेंस की दिशा में भी प्रदेश देश में सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है। नई व्यवस्था में कई विभागों जैसे परिवहन, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय, गृह और नगरीय विकास के पोर्टल का बेहतर उपयोग हो सकेगा।
“समाधान एक दिन -तत्काल सेवा प्रदाय” की नई व्यवस्था के अंतर्गत ऐसी सेवाओं को चुना गया है जिनका प्रदाय एक दिन में संभव है। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि लोगों को न्यूनतम समय में जरूरी सेवायें उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। जानबूझकर सेवाओं के प्रदाय में विलम्ब करने की प्रवृत्ति ठीक नही है।
मुख्यमंत्री ने सेवा प्रदाय से जुड़े अमले को पर्याप्त प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया हकि इसके लिये जिला, विकासखण्ड स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जायेगी। इनमें तहसीलदार, जनपद पंचायत सीईओ, नगरपालिक सीएमओ, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, रेंज आफिसर, सीडीपीओ स्तर के अधिकारियों को सेवाएं देने के लिये अधिकत किया जायेगा। संबंधित अधिकारियों और सेवा प्रदाय से जुडे अमले के लिये विशेष उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। श्री चौहान ने सेवाओं के प्रदाय की नियमित समीक्षा और मानीटरिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि दक्षता पूर्वक बेहतर सेवायें देने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जायेगा लेकिन लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने सेवा प्रदाय की नई व्यवस्था के संबंध में लोगों को सूचित और प्रेरित करने का अभियान चलाने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य सचिव श्री बी. पी. सिंह और संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।
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