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बुधवार, 30 अगस्त 2017

कम वर्षा की स्थिति में फसलों के लिये आपात योजना बनेगी


कम वर्षा की स्थिति में फसलों के लिये आपात योजना बनेगी


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार भोपाल मंत्रालय में सम्पन्न कृषि केबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में कम वर्षा की स्थिति को देखते हुए फसलों के लिये आपात योजना बनाई जाये। साथ ही पेयजल की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए बाँधों से सिंचाई की योजना बनाई जाये। बैठक में कृषि केबिनेट के सदस्य मंत्रीगण उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को मिले, इसकी रणनीति बनाई जाये। आगामी पन्द्रह सितम्बर के बाद वर्षा की स्थिति का आकलन कर फसलों की आपात योजना की पुन: समीक्षा की जाये। कम वर्षा की स्थिति में बोयी जाने वाली फसलों के बारे में किसानों को जानकारी दी जाये।
बताया गया कि प्रदेश के 21 जिलों में सामान्य, 29 जिलों में सामान्य से कम तथा एक जिले में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। आगामी 12 सितम्बर तक अच्छी वर्षा होने की संभावना है। प्रदेश में इस बार खरीफ में उड़द का क्षेत्र साढ़े छह लाख हेक्टेयर बढ़ा है। जबकि धान का क्षेत्र ढाई लाख हेक्टेयर तथा सोयाबीन का क्षेत्र चार लाख हेक्टेयर कम हुआ है। खरीफ में इस बार 130 लाख 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी हुई है, जो पिछले वर्ष से छह लाख हेक्टेयर अधिक है। उर्वरक की खपत में पन्द्रह प्रतिशत की बढ़त हुई है, जिसमें डीएपी का उपयोग 37 प्रतिशत बढ़ा है। प्रदेश के बड़े बाँधों में जल स्तर की मॉनीटरिंग की जा रही है।

भावान्तर भुगतान योजना
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बैठक में भावान्तर भुगतान योजना की जानकारी दी गई। यह योजना किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने और मण्डी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिये बनाई गई है। यह योजना खरीफ 2017 के लिये पायलेट योजना के रूप में चलाई जायेगी। इसके लिये किसानों का पंजीयन आगामी एक से 30 सितम्बर तक भावान्तर भुगतान योजना पोर्टल पर किया जायेगा। धान और गेहूँ क्रय करने वाली तीन हजार प्राथमिक कृषि सहकारी संस्थाओं में पंजीयन किया जायेगा। योजना का लाभ मध्यप्रदेश के किसान राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित फसल पर ले सकेंगे। योजना में शामिल फसलों में सोयाबीन, मूँगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूँग, उड़द और तुअर हैं। योजना में पंजीयन के बाद किसानों को यूनिक आईडी प्रदान किया जायेगा। आदर्श विक्रय दर की गणना मध्यप्रदेश तथा दो राज्यों की मॉडल मण्डी दरों का औसत होगी। भावान्तर भुगतान योजना में अंतर की राशि किसान के खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से जमा करवाई जायेगी।
बैठक में वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, जल संसाधन एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री विजय शाह, ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, पशुपालन एवं मत्स्य विकास मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री रूस्तम सिंह सहित मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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