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मंगलवार, 25 दिसंबर 2018

15 वर्ष बाद फिर एक बार जिले को सुखदेव पांसे के रूप में केबिनेट मंत्री प्राप्त हुआ

ग्रामीण मीडिया संवाददाता | मुलताई जिला बैतूल 




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15 वर्ष बाद फिर एक बार जिले को सुखदेव पांसे के रूप में केबिनेट मंत्री प्राप्त हुआ है। आज 3 बजे सुखदेव पांसे ने कमलनाथ मंत्री मंडल में अन्य 27 मंत्रियों के साथ केबिनेट मंत्री की शपथ  ली। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कांग्रेसजन एवं सुखदेव पांसे के समर्थक शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उपस्थित रहें। गौरतलब है कि सुखदेव पांसे 2003 में मासोद विधानसभा सीट एवं 2008 में मुलताई विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में फिर एक बार मुलताई सीट से ही विधायक निर्वाचित होने के बाद कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही यह तय हो गया था कि सुखदेव पांसे को मंत्री बनाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ ने मुलताई क्षेत्र के दुनावा में आमसभा को संबोधित करते हुए यह घोषणा की थी कि यदि आप सुखदेव पांसे को जीताएंगे तो उन्हें मंत्री बनाया जाएगा और कमलनाथ ने जिले की जनता से किया यह वादा पूरा किया। 
कल रात को ड़ेढ बजे जैसे ही सुखदेव पांसे को मंत्री बनाए जाने की सूचना मिली, वैसे ही उनके समर्थकों ने बैतूल और मुलताई में पटाखे फोड़कर खुशी का इजहार किया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनील शर्मा, बैतूल विधायक निलय डागा, भैंसदेही विधायक धरमूसिंह एवं घोड़ाडोंगरी विधायक ब्रह्मा भलावी ने सुखदेव पांसे के मंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी और मुख्यमंत्री कमलनाथ का आभार माना। अभी कुछ देर पहले नई दिल्ली से कमलनाथ, सिंधिया, दिग्विजय और विवेक तनखा एक साथ राजकीय विमान से भोपाल दोपहर 1 बजे पहुंचे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि शपथ ग्रहण करने वाले सभी मंत्रियों को केबिनेट मंत्री की शपथ दिलवाई गई। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों बाद संसदीय सचिवों के पद की भी कुछ विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी और इन्हें भी मंत्री पद का दर्जा दिया जाएगा। 

गैर कांग्रेसी मंत्री बना था 1967 में

प्रदेश के 1956 में गठन के बाद 6 बार गैर कांग्रेसी सरकार रही, जिसमें 1967, 1977, 1990, 2003, 2008, 2013 में गैर कांग्रेस सरकार रही और इन 6 बार की सरकारों में मात्र 1967 में स्व. जीडी खंडेलवाल को मंत्री बनाया गया था। उसके बाद कभी भी जनता पार्टी/भाजपा की सरकारों में बैतूल की घोर उपेक्षा की गई। 2013 में तो बैतूल के सभी विधायक भाजपा के होने के बावजूद किसी को मौका नहीं मिला। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 2003 से 2018 तक प्रदेश में लगातार 3 बार भाजपा की सरकार थी और इस दौरान जिले के 16 विधायकों में से 10 विधायक भाजपा के जीतने के बावजूद किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया, जबकि महेंद्र सिंह चौहान 3 बार के और चैतराम मानेकर तथा चंद्रशेखर देशमुख दो बार के जीते विधायक थे। इसमें महेंद्र सिंह अनुसूचित जनजाति, चैतराम मानेकर अनुसूचित जाति एवं चंद्रशेखर देशमुख अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व करते थे।  इस तरह से 51 वर्षों में मात्र 1 बार जिले से गैर कांग्रेसी विधायक को मंत्री पद मिला। 

कांग्रेस ने कई बार दिया अवसर

कांग्रेस की प्रदेश में जब भी सरकार बनी, उसने जिले को मंत्री पद दिया। 1980 में मासोद से जीते स्व. रामजी महाजन को अर्जुन सिंह सरकार में मंत्री बनाया गया। 1985 में भी महाजन मंत्री बने और साथ में ही पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के रूप में देशभर में लोकप्रिय हो गए। इसी तरह से 1993 में बैतूल से जीते स्व. डॉ.अशोक साबले दो बार मंत्री बनाए गए। पहली बार उपमंत्री और दूसरी बार केबिनेट मंत्री बने। 1998 में घोड़ाडोंगरी सीट से जीते प्रताप सिंह को दिग्विजय सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया और जिले का प्रभारी मंत्री भी बनाया गया था। इसके बाद लगातार 3 बार भाजपा सरकार रही, लेकिन जैसे ही 2018 में कांग्रेस सत्ता में वापस आई, वैसे ही पहली लिस्ट में ही मुलताई सीट से जीते सुखदेव पांसे सीधे केबिनेट मंत्री बने। 


इन्हें बनाया केबिनेट मंत्री

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने नवगठित मंत्रीमंडल को आज राज भवन में शपथ दिलायी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ उपस्थित थे। शपथ ग्रहण समारोह में 28 विधायकों ने मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
मंत्री पद की शपथ ग्रहण करने वाले विधायकों में डॉ. विजय लक्ष्मी साधो, श्री सज्जन सिंह वर्मा, श्री हुकुम सिंह कराड़ा, डॉ. गोविंद सिंह, श्री बाला बच्चन, श्री आरिफ अकील, श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर, श्री प्रदीप जायसवाल, श्री लाखन सिंह यादव, श्री तुलसीराम सिलावट, श्री गोविंद सिंह राजपूत, श्रीमती इमरती देवी, श्री ओंकार सिंह मरकाम, डॉ. प्रभुराम चौधरी, श्री प्रियव्रत सिंह, श्री सुखदेव पांसे, श्री उमंग सिंघार, श्री हर्ष यादव, श्री जयवर्धन सिंह, श्री जीतू पटवारी, श्री कमलेश्वर पटेल, श्री लखन घनघोरिया, श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, श्री पी.सी. शर्मा, श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, श्री सचिन सुभाष यादव, श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल और श्री तरुण भनोत शामिल हैं।
राज्यपाल ने नवनियुक्त मंत्रियों को शपथ लेने के बाद बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। शपथ ग्रहण कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने किया।

दिग्गजों के परिवार को मिला मौका

दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह एवं भतीजे प्रियवृत्त सिंह मंत्री बने, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव के भाई सचिन यादव के अलावा प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष जीतू पटवारी एवं बाला बच्चन भी मंत्री बनाए गए है। प्रदेश की पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. जमुनादेवी के राजनैतिक उत्तराधिकारी एवं भतीजे उमंग सिंगार, पूर्व मंत्री स्व. इंद्रजीत पटेल के पुत्र कमलेश्वर पटेल, निर्दलीय लड़कर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान के साले कांग्रेस उम्मीदवार संजय मसानी को हराने वाले प्रदीप जायसवाल भी मंत्री बनाए गए। पूर्व मंत्री चंद्रकांत भानोट के पुत्र तरूण भानोट भी मंत्री बने है।  पूर्व मंत्री एवं छिन्दवाड़ा से तीसरी बार जीते दीपक सक्सेना को मंत्री न बनाने को लेकर राजनैतिक हल्कों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है, क्योंकि कमलनाथ के गृह जिले छिन्दवाड़ा में 8 में से 7 सीट कांग्रेस ने जीती है। भोपाल जिले से दो आरिफ अकील एवं पीसी शर्मा तथा जबलपुर जिले से दो तरूण भानोट एवं लखन घनघोरिया, पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट, सज्जन सिंह वर्मा, प्रभुराम चौधरी को दोबारा मौका मिला है।  

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