सरकार ने खुद का आवास होने का सपना दिखाकर कुछ मकान तो बना दिए, लेकिन कई गरीब अभी भी झोपड़ी में रहकर पीएम आवास की स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण शाहपुर ब्लॉक की अनेक ग्राम पंचायत हैं। जहां जरूरतमंदों को पीएम आवास बनाने की अभी भी स्वीकृति नहीं मिली है। गुरगुंदा और भाैरा के 34 हितग्राहियाें के मकान का काम अधूरा पड़ा है, जिससे उन्हें झोपड़ी में रहकर ही गुजर-बसर करना पड़ रहा है। भोपाल-नागपुर हाईवे से 7 किलोमीटर दूर कुप्पा मार्ग के ग्राम पंचायत मुख्यालय हांडीपानी की स्थिति सबसे खराब है। आदिवासी बहुल हांडीपानी ग्राम पंचायत के अधीनस्थ हांडीपानी, सोनादेह, कुप्पा और भिरियाडोल गांव आते हैं। पंचायत के गांव अभी तक पिछड़े हुए हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बाद भी ये गांव अभी तक प्रगति नहीं कर पाए हैं। गांव में अभी भी लोगों को पगडंडियों पर चलना पड़ रहा है। साथ ही कई लोग अभी भी झोपड़ी में रहकर, मजदूरी कर परिवार चला रहे हैं।
इनकी जिंदगी कट रही झोपड़ी में: कुप्पा मार्ग से कुछ दूरी पर बसे गांव भिरियाडोल के आदिवासी परिवार अभी तक पिछड़ेपन की जिंदगी जी रहे हैं। इनके लिए ग्राम पंचायत हांडीपानी के पंच, सरपंच, जनपद सदस्य एवं सचिव ने अभी तक कोई प्रयास नहीं किए हैं। गांव के मुकेश ने बताया वह कई वर्षों से झोपड़ी में रह रहा है। ग्राम पंचायत से अनेक बार मकान के लिए कहा, परन्तु अभी तक किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। जबकि इसी गांव के साधन सम्पन्न लोगों के मकान स्वीकृत होकर बन भी गए हैं। जो कि जांच का विषय है।
दो साल में 64 में से 30 को मिला मकान : ग्राम पंचायत भौरा ने वर्ष 2019, 20 में 64 परिवार के लिए 1 लाख 35 हजार रुपए की लागत से बनने वाले मकान पीएमएवाय ग्रामीण योजना के तहत पास किए थे। 64 में से 25 मकान ग्राम पंचायत के गुरगुन्दा गांव में एवं 39 मकान भौरा के लिए थे। 64 में से 30 मकानों के कार्य पूर्ण होने पर हितग्राहियों को सौंप दिए हैं। वहीं शेष 34 मकानों का काम प्रगति पर है।
राशन भी नहीं मिला : कोरोना के संक्रमण काल व लॉकडाउन की अवधि में राशन दुकान से गरीबों को तीन महीने का राशन फ्री दिया है, लेकिन यह राशन भी इन गरीबों को नहीं मिल सका था। राशन ना मिलने के बावजूद कोई भी जनप्रतिनिधि इन गरीबों की आवाल बनकर आगे नहीं आया। गांव के लोगों की हालत आज भी गंभीर बनी हुई है।
गृहप्रवेश कराया
भौरा सहित गुरगुन्दा गांव में पीएम आवास योजना में बने मकानों में 30 हितग्राही परिवाराें काे जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में गृह प्रवेश कराया है।
गुड्डन कावरे, अध्यक्ष, जपं शाहपुर
पीएमएवाय योजना में हितग्राहियों की सूची के मान से आवास योजना का लाभ मिलता है।
- प्रेमलाल अखण्डे सचिव, ग्राम पंचायत हांडीपानी
वर्ष 2011 की सर्वे सूची में शामिल आवासहीन कैटेगिरी में एसीसी में 13 बिंदुओं में परीक्षण में पास पात्र हितग्राहियों को पीएमएवाय के तहत मकान स्वीकृत किए जा रहे हैं।
- कंचन डोंगरे, सीईओ, जपं शाहपुर
रुपए लेने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य अधूरा छोड़ा
आमला| ग्राम पंचायत छिपन्या पिपरिया के ग्राम गोलढाना के दो हितग्राहियों से एक ठेकेदार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान बनाने का ठेका लिया और हितग्राहियों से दो वर्ष पूर्व पूरा भुगतान भी प्राप्त कर लिया। हितग्राहियों ने बायोमैट्रिक मशीन पर ग्राम रोजगार सहायक की मौजूदगी में अंगूठा लगाकर राशि ठेकेदार को दे दी। उसके बाद ठेकेदार ने निर्माण कार्य पूरा नहीं किया और आवास अधूरा ही छोड़ दिया। हितग्राही भूरी उइके एवं गुड्डू इवने ने जनपद पंचायत आकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी को एक आवेदन दिया, जिसमें निर्माण कार्य पूरा करवाने और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने दोनों हितग्राहियों को पुलिस के पास भी शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी। संबंधित ठेकेदार लोकेश डेहरिया ने बताया कि मैंने ईशु इवने से ठेका लिया था, जिसने 25 हजार रुपए की किस्त निकालकर मुझे दी थी, जिसका काम मैंने पूरा कर दिया। उसके बाद चालीस हजार और दिए हैं, जिसका काम थोड़ा बाकी है। जिसे मैं सोमवार से काम लगाकर पूरा कर दूंगा।
पुलिस काे रिपाेर्ट करने की सलाह दी है
हितग्राहियों ने आवेदन दिया है। हमने उन्हें पुलिस के पास भी जाने की सलाह दी है। साथ ही यह भी कहा है कि एक काॅपी हमें भी दें जिससे हम भी नियमानुसार कार्यवाही कर सकें। साथ ही ग्राम पंचायत से भी प्रतिवेदन मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।
- दानिश अहमद खान, सीईओ, जनपद पंचायत, आमला
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