ग्रामीण मीडिया सेण्टर|
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शासन स्तर से ताप्ती उदगम के कारण मुलताई को पवित्र नगरी घोषित किया है। इस नगर के नागरिक ताप्ती नदी को एक तालाब के रूप में नहीं माँ के रूप में मानते है। हर धर्म,सम्प्रदाय के लोग माँ ताप्ती के लिए एक ही भाव रखते है। ग्रामीण मीडिया ने इसी भाव से ताप्ती सरोवर को जल आपूर्ति करने वाले जल मार्ग का सर्वे किया तो पाया की कुछ कलयुगी बेटो ने इस को भी क्षति पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जल आपूर्ति करने वाले मार्ग को ही समतल करके छिन भिन्न कर दिया है। जिसे की ये स्थान सरकारी रिकार्ड में तो है भौतिक रूप से सर्वे में पाया की, ये गायब है। जिसके कारण आज सरोवर में बरसात का जल तक नहीं पहुंच पा रहा है। इस साल पहली बार ताप्ती सरोवर ओवर फ्लो नहीं हुआ। श्रद्धालुओ ने टेंकरो से पानी ला ला कर सरोवर के अस्तित्व को बचाने का प्रयास किया। इस सरोवर में दो स्थानों से पानी की आपूर्ति होती है। पहला ईदगाह टेकड़ी और दूसरा चन्दोरा खुर्द से केवल स्टेशन परिसर में ये दोनों जल आपूर्ति करने वाले नाले का मान सम्मान दिखाई देता है. बाकी स्थानों पर गंदी ही गंदगी नजर आती है। लोगो ने इस पर व्याप्त अतिक्रमण किया है। कैसे गायब हुआ नाला इस 2 करोड़ 56 लाख के विसार में देखे खसरा नम्बर 400 का उल्लेख है। ये वही नाला है. जिसकी ग्रामीण मीडिया जन हीत में लड़ाई लड़ रहा है। आगे इसी का कुछ भाग तो राजस्व विभाग ने ही पट्टा जारी कर के बेच दिया। डा सुलीनम के कार्यलय के सामने। इसी कड़ी में ताप्ती मंदिर के नाम पर परेगाव रास्ते पर एक खेत दर्ज है। उसमे से भी आधा बिक्री हो गया है। आम जनता से निवेदन है की इस प्रकरण में खुल कर के सामने आये।
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