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शनिवार, 16 सितंबर 2017

बांधों एवं जलाशयों का पानी पेयजल हेतु आरक्षित रहेगा

ग्रामीण मीडिया सेण्टर

  • बांधों एवं जलाशयों का पानी पेयजल हेतु आरक्षित रहेगा
  • जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
  • वर्षा की स्थिति के आधार पर लिया जाएगा आगामी निर्णय

जिले में अल्प वर्षा की स्थिति को देखते हुए जिला स्तरीय जल उपयोगिता समिति ने जिले के बांधों एवं जलाशयों का पानी पेयजल हेतु आरक्षित करने का निर्णय लिया है। शनिवार को आयोजित समिति की बैठक में तय किया गया कि जिले में वर्तमान स्थिति में बांधों एवं जलाशयों से सिंचाईं हेतु जल उपलब्ध कराना संभव नहीं है। बरसात की स्थिति में सुधार होने पर 8 अक्टूबर को पुन: समिति की बैठक आयोजित की जाकर निर्णय लिया जाएगा। यदि वर्षा की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो उक्त निर्णय ही प्रभावी रहेगा। बैठक में विधायक बैतूल श्री हेमन्त खण्डेलवाल, विधायक मुलताई श्री चन्द्रशेखर देशमुख, विधायक घोड़ाडोंगरी श्री मंगलसिंह धुर्वे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सूरजलाल जावरकर, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, सीईओ जिला पंचायत सुश्री शीला दाहिमा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं जल उपभोक्ता संथाओं के अध्यक्ष मौजूद थे। 
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पंचायतों के अधीन तालाब भी पेयजल के लिए आरक्षित रहेंगे। इस दौरान जिले के सभी स्टाप डेमों में आवश्यक रूप से कड़ी-शटर लगाने के भी निर्देश दिए गए। कड़ी-शटर लगाने का कार्य जल संसाधन विभाग करेगा, जिसका भुगतान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। जिन स्टाप डेमों में कड़ी-शटर नहीं है, वहां बोरी बंधान बनाकर बहता हुआ पानी रोका जाएगा। बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि सिंचाईं कार्य हेतु अवैध रूप से उपयोग किए जाने वाले मोटर पंपों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, इसके लिए सघन पेट्रोलिंग की जाएगी। इसके अलावा बांध एवं जलाशय क्षेत्रों में अवैध रूप से पानी की लिफ्टिंग न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए इन क्षेत्रों में बिना जल संसाधन विभाग की अनुमति के सिंचाईं हेतु विद्युत कनेक्शन नहीं दिए जाएंगे। बैठक में सिंचाईं हेतु बिजली की आपूर्ति का शेड्यूल किसानों की सुविधा के दृष्टिगत रखते हुए तय करने की विद्युत विभाग के अधिकारियों से अपेक्षा की गई। 
कृषि विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे कम पानी वाली फसलों की बोवनी हेतु किसानों को सलाह दें। साथ ही कम पानी वाली फसलों जैसे चना इत्यादि का बीज भी समय पर पर्याप्त मात्रा में किसानों को उपलब्ध कराएं। इस दौरान नगरीय क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने की स्थिति की समीक्षा की गई। नगरीय क्षेत्र बैतूल में कोसमी बांध से पाइप लाइन डालकर फांसी खदान स्थित पानी की टंकी में चढ़ाने पर भी विचार किया गया। विधायक बैतूल श्री हेमन्त खण्डेलवाल ने यह सुझाव दिया कि पानी की कमी की स्थिति में बांधों के पानी को स्वच्छ पेयजल के रूप में उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक बांध के पास एक फिल्टर प्लांट का निर्माण कराया जाए, जहां से पानी फिल्टर कराकर आवश्यक स्थानों पर परिवहन किया जा सके। इस दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री अमर येवले ने बताया कि जिले में चार मध्यम परियोजनाओं की रूपांकित उपयोगी जल क्षमता 53.718 मि. घन मीटर एवं 143 लघु सिंचाई तालाबों की रूपांकित उपयोगी जल क्षमता 211.951 मि. घन मीटर, इस प्रकार कुल 265.669 मि. घन मीटर है। जिसके विरूद्ध 15 सितंबर की स्थिति में चार मध्यम एवं 143 लघु सिंचाईं तालाबों से क्रमश: 11.868 मि. घन मीटर एवं 44.659 मि. घन मीटर, इस प्रकार कुल 56.527 मि. घन मीटर जल संग्रहण हुआ है, जो कि रूपांकित उपयोगी जल क्षमता का 21.27 प्रतिशत ही है।

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