ग्रामीण मीडिया सेण्टर
जिला स्तर पर
- 10 हजार रुपए : प्रथम पुरस्कार
- 7500 रुपए : द्वितीय पुरस्कार
- 5000 रुपए : तृतीय पुरस्कार
राज्य स्तर पर
- 50 हजार रुपए : प्रथम पुरस्कार
- 25 हजार रुपए : द्वितीय पुरस्कार
- 15 हजार रुपए : तृतीय पुरस्कार
- 5-5 हजार : सांत्वना पुरस्कार
गोपाल पुरस्कार में पहली बार
भैंसवंशीय पशुपालकों को भी
सम्मान मिलेगा। देशी नस्ल की
छह लीटर दूध देने वाली भैंस
व चार लीटर दूध दे रही गाय के
पालक गोपाल पुरस्कार में हिस्सा
ले सकते हैं। तहसील व जिलास्तर
पर अलग-अलग पुरस्कार मिलेंगे।
उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ राजू
रावत ने बताया प्रतिदिन छह लीटर
दूध देने वाली भैंस व चार लीटर
गाय के पशुपालक स्पर्धा में हिस्सा
ले सकते हैं। ज्यादा दूध देने वाले
पशुओं की तहसीलस्तर पर परीक्षण
होगा। पशुपालक तहसीलस्तर पर 12 नवंबर तक पशु चिकित्सा अधिकारी
को आवेदन दे सकते हैं। 14 , 15 व 16 नवंबर को गाय व भैंस के दूध का
परीक्षण होगा। उसके बाद चयन पर
जिलास्तर पर परीक्षण होगा।
ऐसे होगा चयन
इस योजना में शामिल होना है तो उसे पहले
पशुपालन विभाग में संपर्क करना होगा।
यहां पूरी जानकारी लें। दस्तावेज के साथ
फार्म सबमिट करना होगा। ग्राम सभा में
अपना प्रस्ताव बनाकर सबमिट करें। जनपद
पंचायत के अनुमोदन के बाद जिले के
उप संचालक पशुपालन विभाग अनुमोदित
प्रकरण को स्वीकृति के लिए बैंक को प्रेषित
करेंगे। यहां से स्वीकृति मिलेगी
ये दस्तावेज साथ
ले जाएं
राशन कार्ड, आधार कार्ड,
पांचवीं की मार्कशीट की
कॉपी, जाति प्रमाण पत्र,
प्रोजेक्ट रिपोर्ट, कोटेशन, दो
फोटो, शेड का निर्माण करना
है तो जमीन की रजिस्ट्री,
डायवर्सन, सरपंच का
सहमति पत्र।
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