ग्रामीण मीडिया सेण्टर|
पशु चिकित्सक बोले- दाना, खली, चोकर और खनिज लवण मिलाकर दें संतुलित आहार दूध उत्पादन में 20% होती है बढ़ोतरी, शारीरिक विकास भी बढ़ेगा
ज्यादातर पशुपालक अपने पशुओं को भरपूर पोषण नहीं देते हैं। ऐसे में पशुओं का शारीरिक विकास तो रुकता ही है साथ ही रोग प्रतिराेधक क्षमता भी कम होती है। इसलिए पशुपालकों को पशु आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पशु स्वस्थ रहें और दूध उत्पादन प्रभावित न हो। संतुलित आहार पशुओं के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यही दूध उत्पादन की क्षमता को बढ़ाता है। पशुपालक के पास जो उपलब्ध होता है वो ही खिला दे, ऐसा बिल्कुल न करें। पशुओं में व्यस्क पशु, गाभिन पशु और बच्चे को आहार देने की मात्रा अलग-अलग होती है। पशुपालक उस पर भी ध्यान नहीं देते हैं। पशु चिकित्सकों के मुताबिक पशुपालक दाना, खली, चोकर, खनिज लवण मिलाकर संतुलित आहार तैयार करके पशु को प्रतिदिन दें तो दूध में 20% बढ़ोतरी होती है। संतुलित आहार से समय तक दूध देते हैं। पशुओं को स्वादिष्ट लगता है। बहुत जल्दी पच जाता है। खल, बिनौला या चने से सस्ता पड़ता है।
एेसे बनाएं संतुलित आहार
दाना (मक्का, जौ, गेहूं, बाजरा) इसकी मात्रा लगभग 35 प्रतिशत होनी चाहिए। चाहे बताए गए दाने मिलाकर 35 प्रतिशत हों या अकेला कोई एक प्रकार का दाना हो तो भी खुराक का 35 प्रतिशत दें। खली (सरसों की खली, मूंगफली की खली, बिनौला की खली, अलसी की खली) की मात्रा लगभग 32 किलो होनी चाहिए। इनमें से कोई एक खली को दाने में मिला सकते हैं। चोकर (गेहूं का चोकर, चना की चूरी, दालों की चूरी, राइस ब्रॉन) की मात्रा लगभग 35 किलो। खनिज लवण की मात्रा लगभग 2 किलो, नमक लगभग 1 किलो, इन सभी को लिखी हुई मात्रा के अनुसार मिलाकर को पशु को खिला सकते हैं। दुधारू पशुओं को संतुलित आहार देने से उनकी सेहत मे भी सुधार आता है।
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