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शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

*आज के प्रमुख समाचार- 20 /09 /2019, सुबह का न्यूज़ बुलेटिन*

ग्रामीण मीडिया संवाददाता । बैतूल जिले 


सर्वप्रथम समाचार - कलेक्टर डेस्क से 
आमजन में मौसमी बीमारियों से बचाव की व्यवस्था के प्रति विश्वास जागृत करें स्वास्थ्य अधिकारी- कलेक्टर श्री नायक
जांच में पुष्टि होने पर ही डेंगू माना जाए
डेंगू से बचाव पर जागरूकता के लिए उदय परिसर में मॉक-ड्रिल आयोजित
बैतूल, 20  सितंबर 2019
कलेक्टर श्री तेजस्वी एस. नायक ने कहा है कि बरसात के सीजन के बाद सामान्यत: फैलने वाली मौसमी बीमारियों के प्रति आमजन सजग रहे। स्वास्थ्य तथा अन्य विभागों का अमला जिले की शहरी क्षेत्र की बस्तियों एवं ग्रामीण अंचलों से पूरी तरह सम्पर्क में रहे। कहीं भी, किसी मौसमी बीमारी-डेंगू अथवा मलेरिया जैसी बीमारी की स्थिति मिलती है तो तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी जाए एवं उचित उपचार के इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा  कि स्वास्थ्य विभाग का अमला आमजन में मौसमी बीमारियों से बचाव की व्यवस्था के प्रति विश्वास जागृत करे। लोगों में बीमारियों किसी तरह का भय व्याप्त न हो एवं वे सजग रहकर शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में अपना उपचार कराने के लिए आएं। कलेक्टर श्री नायक गुरूवार को जिला मुख्यालय पर स्वास्थ्य, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में अपर कलेक्टर श्री साकेत मालवीय भी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर श्री नायक ने कहा कि जिले में पिछले वर्षों में जिन क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया अथवा चिकनगुनिया का प्रकोप हुआ है, उनकी जानकारी रखी जाए तथा ऐसे क्षेत्रों में विशेष निगरानी भी रखी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आमजन में डेंगू के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को भी दूर किया जाए एवं उन्होंने बताया जाए कि जब तक एलाइजा टेस्ट में डेंगू की पुष्टि न हो जाए, तब तक बीमारी को डेंगू नहीं माना जा सकता। कलेक्टर ने विशेष अभियान चलाकर समूचे जिले में लोगों में डेंगू के प्रति सजगता लाने की अपील करते हुए कहा कि सभी स्थानों पर रूके हुए पानी में लार्वा विनिष्टीकरण करवाया जाए। खासतौर पर बाहर से लोगों की आवाजाही वाले इलाकों में ऐसी बीमारियों के फैलने की संभावना अधिक रहती है। अत: बाहर से आवाजाही वाले इलाकों में एहतियातन बीमारियों के रोकथाम के उपाय तत्परता से किए जाएं। बुजुर्गों एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर भी पर्याप्त ध्यान रहे। उल्टी-दस्त के मामलों में भी किसी तरह की लापरवाही न की जाए। मैदानी अमला ऐसे मामलों में पूरी तरह सजग रहे एवं जरूरत पडऩे पर तत्परता से उपचार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीसी चौरसिया ने भी डेंगू से बचाव के संबंध में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। 


उदय परिसर में मॉक-ड्रिल आयोजित

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डेंगू से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग एवं नगरपालिका की संयुक्त टीम ने जवाहर वार्ड स्थित उदय परिसर में मॉक-ड्रिल भी आयोजित की, जिसमें लार्वा विनिष्टीकरण, पानी के भण्डारण को समाप्त करवाने जैसे कार्य किए गए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को डेंगू से बचाव की जानकारी भी दी गई। इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग भी की गई। 

सोमवार को होगा समूचे जिले में मॉक-ड्रिल का आयोजन
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कलेक्टर श्री नायक ने बताया कि 23 सितंबर सोमवार को जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मॉक-ड्रिल का आयोजन कर लोगों को डेंगू के मामले में जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा लार्वा विनिष्टीकरण एवं मच्छरों से बचने के उपायों पर जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि समस्त स्कूलों एवं कार्यालयों में भी स्वच्छता अभियान चलाकर मौसमी बीमारियों के उपाय इस दौरान अपनाए जाएंगे।
समाचार क्रमांक/102/1525/09/2019

जिला अस्पताल में ड्यूटी अनुसार चिकित्सकों की मौजूदगी सुनिश्चित हो- कलेक्टर श्री नायक
लापरवाही अमले पर होगी कार्रवाई
बैतूल, 20  सितंबर 2019
कलेक्टर श्री तेजस्वी एस. नायक ने गुरूवार को जिला अस्पताल में बैठक लेकर यहां उपलब्ध तमाम उपचार सुविधाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल के चिकित्सक एवं अधीनस्थ अमला निर्धारित ड्यूटी अनुसार अपने कत्र्तव्यों पर उपस्थित रहे। कत्र्तव्य पर उपस्थित नहीं रहने वाले स्वास्थ्य अमले के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीसी चौरसिया एवं सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा भी मौजूद थे।
इस दौरान कलेक्टर ने जिला अस्पताल के विभिन्न उपचार इकाइयों की कार्य व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि किसी भी उपचार इकाई में आने वाले मरीजों के प्रति लापरवाही न बरती जाए। मरीजों के प्रति पूरा सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए उन्हें तत्परता से उचित उपचार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों से संबंधित मरीजों को अनावश्यक परेशान न होना पड़े, इस बात के लिए भी चिकित्सक ध्यान रखें। यथासंभव उन्हें तत्परता से उपचार की सुविधा मुहैया कराए। बैठक में क्लीनिकल ट्रेनिंग के लिए आने वाले नर्सिंग छात्र-छात्राओं की प्रशिक्षण व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। साथ ही चिकित्सालय की आंतरिक व्यवस्थाओं में सुविधानुसार परिवर्तन किए जाने पर भी पीआईयू के कार्यपालन यंत्री से कलेक्टर ने जानकारी प्राप्त की।

राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत मीडिया कार्यशाला आयोजित
बीमारियों से बचाव की भी दी गई जानकारी
बैतूल, 20  सितंबर 2019
राष्ट्रीय पोषण माह (01 सितंबर से 30 सितंबर तक) के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं सफल आयोजन हेतु 19 सितंबर गुरूवार को जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला नगर पालिका सभागृह में  आयोजित की गई। कार्यशाला में कलेक्टर श्री तेजस्वी एस. नायक सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीसी चौरसिया एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री बीएल विश्नोई ने इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के पत्रकारों को राष्ट्रीय पोषण माह से संबंधित जानकारी दी। इस दौरान कलेक्टर श्री नायक द्वारा द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह को सफल बनाने के संबंध में उपस्थित अधिकारियों एवं मीडिया प्रतिनिधियों को शपथ भी दिलाई गई।
कार्यशाला में कलेक्टर श्री नायक ने बताया कि जिले में मौसमी बीमारियों के नियंत्रण के लिए पूरे अमले को सचेत किया गया है। आमजन में ऐसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न स्थानों पर मॉक-ड्रिल भी आयोजित की जा रही है।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीसी चौरसिया ने मौसमी बीमारियों से बचाव की जानकारी देते हुए कहा कि बारिश के मौसम में अपने आसपास नियमित साफ-सफाई करें। वर्षा के जल को एक जगह एकत्रित न होने दें। मच्छर से फैलने वाले वाहक जनित रोग-मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से सुरक्षा के लिए जनभागीदारी व जनजागृति का होना आवश्यक है। वर्षाकाल में जगह-जगह एकत्रित पानी में मच्छरों की उत्पत्ति व वृद्धि होती है। ये मच्छर, रोगी व्यक्ति को काटने पर संक्रमित हो जाते है व इन संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, रोग का प्रसार होता है। इन बीमारियों से ग्रसित रोगी को बुखार सिरदर्द, बदनदर्द, उल्टी आना, ठंड लगना जैसे लक्षण होते हैं जिनका त्वरित उपचार आवश्यक है।
    मलेरिया रोग एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है तथा यह मच्छर रात में सक्रिय रहता है। डेंगू व चिकनगुनिया रोग, सफेद चकते वाले एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में सक्रिय रहता है। बीमारी फैलाने वाले मच्छर घरों में नमी वाले अंधेरे स्थान में विश्राम करते है एवं साफ व रूके पानी में पनपते हैं जो कि हमारे घरों में व आसपास पानी से भरे पात्र जैसे- गमले, टंकी, टायर, मटके, कूलर, टूटाफूटा कबाड में भरे पानी, नल, हैण्डपंप व कुएं के आसपास भरे पानी में मच्छर अपने अण्डे देते हैं।
    पानी से भरे बर्तन, टंकियों आदि का पानी सप्ताह में अवश्य बदलते रहें व कुएं, हैण्डपंप, नल के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। गड्ढों का मिट्टी से भराव करें या पानी की निकासी कराकर मच्छरों के उत्पत्ति स्थल को नष्ट करें, व मच्छरों के लार्वा नहीं पनपने दें। मच्छरों से बचाव करें। मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरे आस्तीन के कपड़े पहने, मच्छर भगाने वाली क्रीम या क्वाइल का उपयोग करे, नीम की पत्ती का धुंआ करें।
कोई भी बुखार मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया हो सकता है जिसका इलाज संभव है। किसी भी बीमारी के लक्षण दिखने पर शीघ्र स्वास्थ्य केन्द्र में नि:शुल्क जांच करायें तथा चिकित्सक के परामर्श से पूर्ण उपचार लें। मलेरिया की जांच ग्राम स्तर तक आरोग्य केन्द्र व स्वास्थ्य केन्द्रो में नि:शुल्क उपलब्ध है।

बैतूल जिला प्रमुख समाचार 
शहर का मेडिकल वेस्ट डाल रहे नदी में लापरवाही : बैतूल-परासिया 
सड़क की पुलियाओं को बनाया मेडिकल वेस्ट नष्ट करने का ठिकाना सीएमएचओ का जवाब - हमारी नहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी  
स्टेट हाईवे - 43 पर लगातार डंप की जा रही दवाएं

बैतूल- परासिया सड़क की पुलियाओं से बहते पानी में बायो मेडिकल वेस्ट फेंकने का तरीका नर्सिंग होम्स संचालकों और दवा कारोबारियों ने निकाला है। बहते साफ पानी से होकर पानी झरने तक पहुंच रहा है। झरनों में इंजेक्शन और दवाएं जमा हो रही हैं।
इससे यहां पिकनिक मनाने वालों और नीचे धाराखोह नदी का पानी पीने वालों के लिए नया खतरा पैदा हो गया है। मेडिकल वेस्ट के रसायनों से तो लोग प्रभावित होंगे ही, मरीजों को लगाए इंजेक्शन की सुइयां किसी को लग सकती हैं और उनमें मौजूद बीमारियों के तत्व किसी अन्य को घातक बीमार कर सकते हैं। मेडिकल वेस्ट को ठिकाने लगाने के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहा। भास्कर के पूछने पर सीएमएचओ इसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिम्मेदारी बता रहा है तो बोर्ड के अधिकारी इसे पुलिस की जिम्मेदारी बता रहे हैं।
पूर्व में करबला और बडोरा पुल से फेंका जा रहा था वेस्ट

नदी में इस तरह बहाया जा रहा मेडिकल बेस्ट।
पिकनिक में इसी पानी को पेयजल की तरह उपयोग करते हैं लोगचिखलार के झरने में शहरवासी अक्सर पिकनिक मनाने जाते हैं। ये लोग घर से पानी नहीं ले जाते हैं। वे अक्सर झरने का पानी उपयोग खाना बनाने और पीने के लिए करते हैं। इसी तरह चिखलार का झरना पहाड़ी से गिरकर धाराखोह नदी बन जाता है। इस नदी का पानी सिहारी और धाराखोह गांव के लोग पीने के लिए उपयोग करते हैं।
चिखलार झरने में रिएक्शन से बन रहा पीले रंग का झागचिखलार के झरने के किनारों पर बड़ी मात्रा में गोलियां, दवाओं की बोतलें और इंजेक्शन बहकर आ रहे हैं और जमा हो रहे हैं। किनारों पर घास-फूस में फंसी दवाओं और गोलियों का पानी के साथ रिएक्शन हो रहा है। इससे पीला झाग भी पैदा हो रहा है। जिससे यहां पर्यावरण प्रदूषित होने का खतरा मंडरा रहा है।
पूर्व में करबला पुल और बडोरा पुल का इस्तेमाल बायोमेडिकल वेस्ट नष्ट करने के लिए किया जा रहा था। लेकिन दोनों जगहें पर मामला उजागर हो जाने और वेस्ट बहकर दूर नहीं जाने के कारण अब स्टेट हाईवे- 43 के पुल-पुलियाओं से बहते पानी को नया ठिकाना बनाया है। स्टेट हाईवे - 43 कमानी गेट से परासिया तक के 124 किलोमीटर के मार्ग में सैकड़ों पुलियाएं हैं, जिन पर से मेडिकल वेस्ट फेंकने की आशंका है।
 झरने का पानी बहता हुआ होता है। इसके सैंपल भी लिए जाएंगे तो पानी साफ निकलेगा। दोषी को चिन्हित करना भी इस मामले में बहुत मुश्किल है, ये कौन डाल रहा है, इसकी पहचान आसान नहीं। स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अमले को इस ओर ध्यान देकर कार्रवाई करनी चाहिए। धारा 133 के तहत न्यूसेंस पैदा करने की कार्रवाई की जानी चाहिए। - आरआर सिंह सेंगर, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी
ये मेडिकल बेस्ट मिला चिखलार के झरने मेंइंजेक्शन और दवाओं के रैपर बहते हुए मिले। दवाओं के रैपर में मौजूद दवाएं घुलकर इनके अंदर से लिक्विड पानी में मिल रहा था।
 लिक्विड सीरप जैसी बोतलें भी बहती हुई बड़ी संख्या में मिलीं। इनमें सीरप भी भरा हुआ था। इसी के साथ शुगर जांच किट और उपकरण भी मिले।
 ग्रीन टी के सैकड़ों बैग फेंके गए थे। कुडोस कंपनी के ये बैग पानी का रंग बदल रहे थे। इससे पानी हल्का हरा और पीला हो रहा है।
 नदी- नालों में मेडिकल वेस्ट डालना खतरनाक है। हमने एक-दो बार कार्रवाई भी की थी, नर्सिंग होम्स संचालकों और दवा विक्रेताओं को नोटिस भी जारी किए थे। लेकिन यह मामला पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ही इसमें प्रभावी कार्रवाई कर सकता है। जीसी चौरसिया, सीएमएचओ

डीटीओ ने की वाहनों की जांच 12 हजार की पेनाल्टी वसूली  

बैतूल। वाहनों का निरीक्षण करते हुए डीटीओं और सहायक। 
बैतूल जिला परिवहन अधिकारी रंजनासिंह भदौरिया ने गुरुवार को शहर में वाहनों की जांच के लिए अभियान चलाया। इस दौरान 24 वाहनों की बारीकी से जांच की। 4 वाहनों में गड़बड़ी सामने आने पर 12 हजार रुपए की पेनाल्टी लगाई। एक ऑटो चालक के पास लाइसेंस नहीं था, वहीं दो अन्य ऑटो चालकों के फिटनेस जुलाई में ही खत्म हो गए थे। एक ऑटो चालक के पास परमिट नहीं था। इसी तरह जन उपयोगी सेवाओं के तहत चलाए जा रहे नगरपालिका के 5 कचरा वाहनों का फिटनेस भी नहीं था। इस पर नपा सीएमओ प्रियंका सिंह से चर्चा करके वाहनों का फिटनेस जल्द करवाने की हिदायत आरटीओ ने दी।

    
स्कूलों में जमा होगा पानी तो रद्द होगी मान्यता 
मौसमी बीमारियों से बचने के लिए आमजन को जागृत करने के लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी, जिसमें कलेक्टर नायक ने बताया जिले में मौसमी बीमारियों के नियंत्रण के लिए पूरे अमले को सचेत किया गया है। आमजन में ऐसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न स्थानों पर मॉक-ड्रिल भी आयोजित की जा रही है। इस दौरान कलेक्टर ने बताया वे स्वयं भी अपने घर और ऑफिस में भी निगरानी रखते हैं कि कहीं भी साफ पानी जमा न हो और लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि सभी लोग अपने घरों में और आसपास पानी जमा न होने दे जमा हुए पानी मे तेल डाल दें। कलेक्टर तेजस्वनी नायक ने बताया जिले सभी शासकीय अशासकीय स्कूलों में कहीं भी पानी जमाव न होने दे साथ ही बच्चों को फूल स्लीव के कपड़े पहनने की सलाह दें, ताकि मच्छर काट नहीं सकें, यदि स्कूलों में पानी जमाव की स्थिति टीम को देखने को मिलेगी तो स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।

    
पंचायतों में नहीं मिलते सचिव, ग्रामीणों ने बैतूल में कलेक्टर से की शिकायत 
 
अामला। कलेक्टर को शिकायत करने पहंुचे ग्रामीण।
आमला | खांडेपिपरिया पंचायत में सचिव और सरपंच के लापरवाह रवैए से ग्रामीण खासे परेशान हैं। ग्रामीणों ने गुरुवार को कलेक्टर तेजस्वी नायक को लिखित शिकायत देकर पंचायत के अधूरे पड़े कामों की जांच की मांग की है। पंचायत में ग्रामसभा का आयोजन नहीं होने के कारण विकास थमा हुआ है। जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के जिला उपाध्यक्ष रितिक परते के नेतृत्व मे रितेश धुर्वे, मन्नू आदि ने कलेक्टर को शिकायत कर बताया है कि सचिव मेहंगू लाल नागले और सरपंच नंदकिशाेर सूर्यवंशी पंचायत में लापरवाही की जा रही है। इस कारण पंचायत में सड़कों सहित आवास योजना के कार्य लंबे समय से अधर में पड़े हैं। पंचायत में सचिव उपस्थित नहीं रहते। ग्रामवासी अपने कामकाज छोड़कर तहसील मुख्यालय पर सचिव को खोजते रहते हैं। इसमें ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। आदिवासी नेता राकेश महाले ने कहा है कि यह स्थिति अधिकांश पंचायत सचिवों की है। इस कारण क्षेत्र की जनता परेशान है। उन्होंने कलेक्टर से सभी सचिव को मुख्यालय पर कार्यदिवस में आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश देने की मांग की है।

 
    
फसलों को हुए नुकसान का बीमा कंपनी के अधिकारी कर रहे सर्वे  
फसल खराबी का सर्वे करते हुए इंश्याेरेंस कंपनी के कर्मचारी।
चिचोली | ब्लाॅक के आलमगढ़ चूनाहजूरी गवासेन सहित अन्य क्षेत्रों में किसानों की मक्का, सोयाबीन, धान सहित अन्य फसलें खराब होने पर बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि और अधिकारियों, कर्मचारियों ने फसलों का सर्वे कार्य शुरू कर दिया है। आलमगढ़ के अकरम पटेल किसान के खेत में इंश्योरेंस कंपनी के अनुराग मिश्रा और उनकी टीम ने पहुंच कर सर्वे किया। इसमें अकरम पटेल, मुन्ना पटेल सहित कई अन्य लोगों को भारी नुकसान हुआ है। मक्का की फसल नुकसान ज्यादा हुआ। वहीं अन्य गांवों में बारिश के कारण ग्राम की फसलें पूर्ण रूप से नष्ट हो गईं। सोयाबीन की फली गिर गई। मक्के के भुट्टे में दाना नहीं भर पाया। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। चिचाेली। 

    
बिरुल बाजार से हो रही मवेशियों की अवैध तस्करी, ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग 
पुलिस ने पकड़ी मवेशियों से भरी पिकअप, तस्करी से ग्रामीणों मे रोष बिरुल बाजार में पशु बाजार के नाम पर मवेशियों की अवैध तस्करी हो रही है। रात के समय मवेशियों को वाहनों में भरकर महाराष्ट्र के कत्लखाने ले जाया जाता है। बुधवार रात पुलिस ने मवेशियों को भरकर महाराष्ट्र की ओर ले जा रही पिकअप को पकड़ा। लगातार हो रही मवेशियों की तस्करी से ग्रामीणों में भी आक्रोश है। बिरुल बाजार में पशु बाजार के दिन मवेशियों की तस्करी करने वाले सक्रिय हो जाते हैं। बाजार के नाम पर गांव-गांव जाकर गोवंश खरीदते हैं। खरीदे गए मवेशियों को किसानों के खेतों में बांधा जाता है। इसके बाद रात में वाहनों में भरकर महाराष्ट्र के कत्लखाने ले जाते हैं। कई बार ग्रामीणों ने ऐसे वाहनों को पकड़कर पुलिस के हवाले भी किया है। इसके बाद भी मवेशियों की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। रात में भी पिकअप में मवेशियों को भरकर महाराष्ट्र ले जाने की सूचना मासोद चौकी प्रभारी एसआई उत्तम मस्तकर को मिली। सूचना पर एसआई मस्तकर, आरक्षक गंभीरसिंह रघुवंशी, मनोज डेहरिया और अजय ने वाहनों की जांच की। जांच के दौरान बिरुल बाजार की ओर से आ रही पिकअप को रोका। पिकअप में मवेशी भरे हुए थे। पिकअप ड्राइवर से मवेशियों के परिवहन से संबंधित दस्तावेज मांगे तो उनके पास नहीं थे। इस स्थिति में पुलिस पिकअप में सवार अनिल नागले और शेख लतीब के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई कर पिकअप को जब्त किया है।

   
फसल सर्वे को लेकर किसानों का प्रदर्शन 
आज मुलताई| क्षेत्र में बारिश से खरीफ की फसल खराब हो गई है। फसलों के सर्वे कर उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर शुक्रवार को किसान नगर के बस स्टैंड पर प्रदर्शन करेंगे। भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया पूरे क्षेत्र में सोयाबीन और मक्का फसल बारिश से खराब हो गई है। इसके बाद भी अभी तक प्रशासन ने सर्वे शुरू नहीं किया है। सर्वे की मांग को लेकर क्षेत्र के किसान प्रदर्शन कर अधिकारियों को समस्या से अवगत कराएगे।

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