ग्रामीण मीडिया संवाददाता ।मुलताई
जिले में अब तक 79 की कोरोना से मौत
अब तक 3836 हो चुके कोरोना पोसेटि
कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस जहां कोरोना को लेकर बेहद संवेदनशील दिख रहे हैं, वहीं स्वास्थ्य महकमा उनकी सारी कोशिशों पर पानी फेरने को आमादा नजर आ रहा है। ऐसा ही एक मामला शनिवार को सामने आया । इसमें एक शासकीय कर्मचारी महाराष्ट्र नागपुर में आयोजित विवाह समारोह में शामिल होकर न केवल कोरोना पीड़ित हो गया बल्कि उसकी मौत तक हो गई, लेकिन तब तक विभाग को भनक तक नहीं थी । मौत के बाद विभाग तब जागा जब कलेक्टर ने स्वयं इस मामले में संज्ञान लिया।
जानकारी के अनुसार मुलताई निवासी और शिक्षा विभाग में पदस्थ एक कर्मचारी नागपुर में आयोजित एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए 19 फरवरी को गया था । वहां 4 दिन रहने के बाद 23 फरवरी को वह वापस लौटा। अगले दिन 24 फरवरी से उसने ऑफिस जाना शुरू कर दिया। 26 फरवरी को ऑफिस पहुंचने के बाद उसने कहा कि तबीयत ठीक नहीं लग रही है, इसलिए वह घर जा रहा है । इसी कर्मचारी की 6 मार्च को दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर जिला अस्पताल के डीसीएचसी में मौत हो गई । यह भी पता चला है कि मौत के 1 घंटे पहले ही उसका कोरोना सैंपल लिया गया था एंटीजन टेस्ट में वह पॉजिटिव आया था। सूत्र बताते हैं कि जब यह मरीज जिला अस्पताल आया था, तो इसे मेडिकल वार्ड में भिजवाया गया था वहां से डॉ. ओपी माहोर ने उसकी हालत गंभीर होने पर कोरोना सैंपल कराने की सलाह दी थी कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने महाराष्ट्र में कोरोना के प्रकोप को फैलते देख कर काफी पहले ही आदेश कर दिए थे कि महाराष्ट्र से लौटने वाले को 10 दिन क्वारेंटाइन रहना होगा। जांच चौकियों पर ऐसे लोगों की जानकारी संकलित कर संबंधित एसडीएम को उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था भी बनाई गई थी। संदिग्ध मरीजों की जानकारी सभी निजी चिकित्सकों को भी बीएमओ को उपलब्ध कराना है। इस मामले में यही देखा जा रहा है कि इनमें से किसी भी निर्देश का गंभीरता से पालन नहीं किया जा रहा है।
अपने विभाग के कर्मचारी के प्रति शिक्षा विभाग भी कितना गंभीर है, वह इस मामले से आसानी से स्पष्ट हो जाता है कि उनके यहां का कर्मचारी महाराष्ट्र जा रहा है और वापस आने के बाद कार्यालय भी आना शुरू कर देता है। उसका स्वास्थ्य खराब हो जाने के बावजूद विभाग ने स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना उचित नहीं समझा । ऐसा करके पूरे स्टाफ को जोखिम में डालने का कार्य भी किया गया। यह मामला सामने आने पर कलेक्टर श्री बैंस ने स्वास्थ्य विभाग की
बैठक में नाराजगी जताते हुए उन्होंने जिला पंचायत सीईओ मामले की जांच के निर्देश दिए। इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ एमएल त्यागी का कहना है कि कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि तथ्यों का विशेषण करें। इस पर सीएमएचओ डॉ. डब्ल्यूए नागले को निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले में कहां चूक हुई है, इसका तथ्यात्मक विशेषण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
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