ग्रामीण मीडिया सेण्टर
किसानों ने कहा: कुओं में नहीं पानी सूखाग्रस्त घोषित करने में आनाकानी
क्षेत्र में बारिश कम होने से डेमों में पानी का
संग्रहण नहीं हो पाया है। कुओं का जल स्तर
भी नहीं बढ़ा है। ऐसे में रबी फसल की सिंचाई
करना मुश्किल हो जाएगा। यह बात मंगलवार
को दो दर्जन से अधिक गांवों के किसानों ने
किसान संघर्ष समिति के संस्थापक एवं पूर्व
विधायक डॉ. सुनीलम से कही। सिरसावाड़ी
के मोतीराम पटेल ने कहा चंदोरा डेम के पानी
से खेतों की सिंचाई होती है। डेम में मात्र
चालीस प्रतिशत पानी का संग्रहण हुआ है।
जिससे सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलना
मुश्किल है। एनस के रघु कोड़ले ने कहा
एनस डेम में नाममात्र का पानी है। जौलखेड़ा
के भागवत परिहार ने बताया बुंडाला डेम में
भी पानी का संग्रहण नहीं हुआ है। बाडेगांव,
सूखाखेड़ी, चिचंडा सहित अन्य डेमों में पानी
नहीं है। पानी की कमी को देखते हुए डेमों
से सिंचाई के लिए पानी लेने पर प्रतिबंध
लगा दिया है। इसके बाद भी शासन क्षेत्र को
सूखाग्रस्त नहीं कर रहा है। डॉ. सुनीलम ने
कहा क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग
को लेकर 26 अक्टूबर को किसानों के साथ
मिलकर एसडीएम को ज्ञापन दिया जाएगा।
फसल बीमा के साथ दिया जाए मुआवजा
सोयाबीन की खराब फसल के बदले किसानों ने फसल बीमा की राशि के साथ मुआवजा भी देने
की मांग की। परमंडल के किसान लक्ष्मण बोरबन, डखरू खवसे, जगदीश दोड़के आदि ने कहा
8 एकड़ में 3 क्विंटल सोयाबीन का भी उत्पादन नहीं हो रहा है। फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई
है। विनोदी महाजन ने बताया 10 एकड़ में सोयाबीन की बोवनी की थी। हर साल 70 क्विंटल का
उत्पादन होता था। इस साल 5 क्विंटल भी होना मुश्किल है। डॉ. सुनीलम ने सरकार से खराब हुई
फसल के एवज में किसानों को प्रति एकड़ 15 हजार रुपए का मुआवजा और फसल बीमा की राशि
अलग से देने की मांग की।
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