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शनिवार, 2 दिसंबर 2017

अब ट्रस्ट करेगा ताप्ती मंदिर का संचालन तहसीलदार रहेंगे मुख्य ट्रस्

ग्रामीण मीडिया सेण्टर
न्यायालय लोक न्यास पंजीयक एसडीएम ने जारी किए आदेश, ट्रस्ट का स्थाई सचिव मुख्य नपा अधिकारी और स्थाई सदस्य थाना प्रभारी को बनाया



ताप्ती मंदिर के संचालन के लिए ट्रस्ट बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। अब ताप्ती मंदिर का संचालन ट्रस्ट के माध्यम से होगा। ट्रस्ट के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी तहसीलदार रहेंगे। ट्रस्ट का स्थाई सचिव मुख्य नगर पालिका अधिकारी और स्थाई सदस्य थाना प्रभारी को बनाया है। इसके अलावा आठ अस्थाई सदस्य रखे हैं। यह आदेश पंजीयक लोक न्यास राजेश शाह ने जारी किए हैं। ताप्ती सरोवर के तट पर स्थित ताप्ती मंदिर को ट्रस्ट बनाने के लिए नगरवासी एकजुट होकर आवाज उठा रहे थे। 15 दिसंबर 2016 को सांई सेवा समिति के चिंटू खन्ना ने इस संबंध में एसडीएम और कलेक्टर को भी आवेदन दिया था। इसके अलावा ताप्ती सेवा मंडल के पुरुषोत्तम अग्रवाल, अजय यादव, मनीष शर्मा सहित अन्य ताप्ती भक्तों ने भी ताप्ती मंदिर के संचालन के लिए ट्रस्ट बनाने की मांग करते हुए आवेदन दिए थे। ताप्ती भक्तों की मांग के चलते एसडीएम ने प्रक्रिया प्रारंभ की। उन्होंने मां ताप्ती मंदिर ट्रस्ट के लिए मुख्य ट्रस्टी और कार्यकारिणी सदस्यों को मनोनीत किया है। यह है चल-अचल संपत्ति एसडीएम ने ट्रस्ट से संबंधित जारी आदेश में उल्लेख किया है न्यास से संबंधित चल-अचल संपत्ति का भी उल्लेख किया है। जिसमें बताया वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक मुलताई के खाते में 51 हजार रुपए, मां ताप्ती के जेवर 2.50 किलो ग्राम, सोने का मंगलसूत्र 20 ग्राम है जो न्यास की कुल संपत्ति है। ट्रस्ट के पंजीयन के बाद ट्रस्ट का नया खाता राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जाएगा। 

इसलिए उठ रही थी ट्रस्ट बनाने की मांग 
सांई सेवा समिति के खन्ना ने बताया मुलताई ताप्ती नदी का उद्गम स्थल है। नगर में कार्तिक पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु मां ताप्ती के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ताप्ती सरोवर में स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का सालभर आवागमन होता है। ताप्ती जन्मोत्सव सहित अन्य तीज, त्योहारों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से मंदिर का ट्रस्ट बनाना आवश्यक था। मंदिर में दान में आने वाली राशि, चल-अचल संपत्ति का लेखा-जोखा पारदर्शी रह सके। मंदिर के विकास के लिए राशि का जिम्मेदारी से उपयोग हो सके। 

पुजारी ने प्रस्तुत की थी यह जानकारी 

मंदिर के पुजारी सौरभ जोशी ने ताप्ती न्यास का लोक न्यास अधिनियम की धारा 4 के तहत पंजीयन कराने के लिए आवेदन दिया था। एसडीएम ने प्रकरण की सुनवाई के बाद आदेश में उल्लेखकिया सौरभ जोशी को मुख्य प्रबंध ट्रस्टी बनाने के लिए शासन बाध्य नहीं है। मां ताप्ती का मंदिर नजूल शीट क्रमांक 21, भूखंड क्रमांक 7, क्त्रफल षे 33 हजार 216.95 वर्गमीटर है। इस स्थिति में मंदिर शासकीय नजूल भूमि में स्थित है। जिस पर आवेदक का किसी प्रकार का कोई अधिकार नहीं है। 

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