ग्रामीण मीडिया सेण्टर (राजेंद्र भार्गव)
स्वसहायता समूह होंगे मजबूत मुख्य मंत्री की घोषणा

स्व-सहायता समूहों के ऋण लेने पर कोई स्टाम्प ड्यूटी नहीं।
स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित सामग्री के विक्रय के लिए बड़े शहरों में व्यवस्था की जाएगी।
जिला, ब्लॉक, पंचायत स्तरों पर प्रशिक्षण के लिए आवश्यकतानुसार भवन उपलब्ध कराये जाएंगे। जहाँ आवश्यकता होगी, वहां भवन किराये पर लेकर समूहों को दिये जाएंगे।
शासकीय शालाओं की यूनिफॉर्म सिलने का कार्य समूहों को दिया जाएगा।
आँगनबाड़ियों में बच्चों तथा माताओं के लिये गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री निर्माण और प्रदाय करने का कार्य भी चरणबद्ध तरीके से महिला समूहों के फेडेरेशन को दिया जायेगा।
योग्य समूहों के परिसंघों को पाँच करोड़ रूपये की राशि की सीमा तक बैंकों से ऋण लेने पर सरकार द्वारा गारंटी दी जाएगी।
महिला स्व-सहायता समूहों को तीन प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज अनुदान तीन लाख रूपये तक की ऋण सीमा तक दिया जाएगा।
प्रत्येक स्व-सहायता समूह के परिसंघ को संकुल स्तर पर अनाज भण्डारण हेतु आवश्यकतानुसार व्यवस्था की जाएगी।
स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार जैविक कीटनाशक, जैविक खाद, जैविक कल्चर, सरकार खरीदेगी और किसानों को देगी।
विकासखण्ड स्तर पर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के संचालन का दायित्व स्व-सहायता समूह एवं उनके परिसंघ को दिये जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत बिल वसूलने की जिम्मेदारी स्व-सहायता समूहों को दी जायेगी। उन्हें छह हजार रुपये मानदेय दिया जायेगा। औसत से ज्यादा राजस्व वसूली करने पर उन्हें पंद्रह प्रतिशत की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
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