ताप्ती जल लेकर पाराखाति शिव धाम के लियें सोमवार कि अल सुबह कावड यात्रा निकली। दुनावा धर्म रक्षा समिति के सुरेश पटेल, पप्पू रघुवंशी ने बताया कि इस वर्ष से गांवो की सुख समृध्दि पर्यावरण कि रक्षा,जल सरंक्षण मेरा गांव मेरा तीर्थ का संदेश लेकर पाराखाति शिवधाम कावड यात्रा निकाली गयी है। पटेल ने बताया कि यात्रा को लेकर गांवो मे समितियां बनायी गयी। जिसमे धर्म जागरण जिला सांस्कृतिक प्रमुख महाराज आलोक मिश्रा ने रविवार कि देर रात विधिवत वैदिक परम्पराओं से यात्रा का शुभारंभ किया, सोमवार कि अल सुबह 4 बजे से 51 कावडिय़ों ने ताप्ती का विधिवत पुजन-यापन कर ताप्ती जल लेकर पाराखाति शिव धाम मंदिर 30 किलोमीटर की यात्रा पर बोल-बम कहकर चल पडे।दुनावा मंडल के सुरेश पटेल,आशिष सोनी,चेतन घाघरे,पप्पु रघुवंशी पंकेश साहु सहित अनेक कावडियों की यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत सत्कार भी किया गया।
यात्रा का समापन पौराणिक पाराखाति शिव मंदिर पर ताप्ती जल चढाकर रूद्राभिषेक किया गया।कार्यक्रम के समापन मे धर्म जागरण के जोगेन्द्र सूर्यवंशी ने कह कि मानव पूजा ही सबसे बडी पूजा है,स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि गर्व से कहो में भारतवासी हूँ।उन्होने कहा कि जब-जब धर्म की हानि हुई है तब-तब अधर्मियों का नाश करने के लियें भगवान राम कृष्ण ने मानव समाज को संगठित कर अधर्मियों का विनाश किया है। तात्याटोपे, टंटया भील रानी दुर्गावती लक्ष्मीबाई महाराणा प्रताप वीर शिवाजी जैसे महापुरूषों ने भी समाज के माध्यम से ही विधर्मियों का विनाश किया है।
पंडित आलोक महाराज ने बताया कि कावड यात्रा के माध्यम से समाज मे सामाजिक समरसता लाकर वनवासी ग्रामवासियों मे मेरा गाँव मेरा तीर्थ का भाव जागृत करने का प्रयास किया जा रहा है।उन्होने बताया कि इस शिव मंदिर से हमारी पौराणिक कहानियां भी जूडी हुई है।
बताते है कि जब भगवान के आशिर्वाद पर भस्मासुर भगवान को ही भस्म करने को सोचने लगा तब भगवान भोलेनाथ इसी गुफा मे विराजमान हुए थे।आस-पास के दर्जनों गांव के लोगो की आस्था का केन्द्र है।सुरेश पटेल व अन्य ग्रामवासियों ने बताया कि पाराखाति शिव मंदिर। कावडिय़ों की यात्रा के बाद ही अचानक बारिश हो जाने से ग्रामवासी इस यात्रा को बडे ही आस्था के साथ जोडकर देखने लगे है।