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शनिवार, 2 फ़रवरी 2019

आज के प्रमुख समाचार 2 फरवरी 2019

ग्रामीण मीडिया संवाददाता 



सफलता की कहानी-
क्लब फुट बीमारी से पीडि़त बच्चों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा
बैतूल, 02 फरवरी 2019
बैतूल जिले के विकासखण्ड भीमपुर के ग्राम ढाकना निवासी अमरलाल धुर्वे के 6 वर्षीय पुत्र हरिओम एवं ग्राम पाली निवासी दशरथ की 10 वर्षीय पुत्री गायत्री जन्मजात ही क्लब फुट की बीमारी से पीडि़त थे। जिला अस्पताल में कास्टिंग के जरिए हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपेश पद्माकर द्वारा उनका उपचार किया गया। अब कुछ दिनों बाद ही ये बच्चे सामान्य रूप से चलने लगेंगे। 
क्या है क्लब फुट बीमारी
क्लब फुट एक ऐसा रोग है जिसमें जन्म से ही बच्चे के पैरों में टेढ़ापन रहता है। चिकित्सकों के अनुसार एक हजार बच्चों में एक बच्चा इस रोग से प्रभावित होता है। ऐसे बच्चों को प्लास्टर चढ़ाकर और स्ट्रेपिंग आदि के प्रयोग से 90 प्रतिशत् तक बिना ऑपरेशन के इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है। बाद में फीजियोथेरेपी से इस बीमारी में लाभ होता है और बच्चा पूरी तरह स्वस्थ रूप से चलने लगता है। कभी-कभी इसके बाद पैर का माइनर ऑपरेशन भी किया जाता है। पैर का आकार सीधा करने के लिए बच्चों को स्पेशल जूते में चलाया जाता है। क्लब फुट बीमारी ठीक करने के लिए बच्चे के पैर पर कई बार प्लास्टर चढ़ाना पड़ता है, यह प्रक्रिया सामान्यत: 3-4 हफ्तों से लेकर 8-10 हफ्तों तक चलती है। 
जिला अस्पताल में नि:शुल्क इलाज
जिला चिकित्सालय में 8 वर्षों से कार्यरत् हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. रूपेश पद्माकर ने बताया कि क्लब फुट को लेकर जिले में जागरूकता है। इलाज हेतु राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में चिन्हित एवं स्वयं जागरूक माता-पिता पीडि़त बच्चों को लेकर आते हैं एवं इलाज पाते हैं। क्लब फुट जन्मजात बीमारी है, इलाज न मिलने से मरीज को पैर टेढ़ा करके चलना पड़ता है। तकनीकी विकास से इसका पूरा इलाज संभव है। परिजनों में यदि जागरूकता नहीं है तो मरीज को जीवन भर अपंगता झेलनी पड़ती है। बाद में बच्चों को पैर सीधा करने के लिए स्पेशल जूते भी दिए जाते हैं जो कि पैर की ग्रोथ बढऩे पर 7 से 8 बार बदले भी जाते हैं जो शासन द्वारा पूरी तरह नि:शुल्क हैं। इस उपचार में निजी चिकित्सालयों में हजारों रूपए खर्च होते हैं, किन्तु शासकीय जिला चिकित्सालय में यह इलाज पूरी तरह नि:शुल्क है।
हर गुरूवार एवं शुक्रवार होता है इलाज
जिला अस्तपाल में हर गुरूवार एवं शुक्रवार को क्लब फुट के बच्चों का इलाज किया जाता है। डॉ. रूपेश पद्माकर ने दिल्ली मेडिकल कॉलेज से इस संबंध में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। विशेष बात यह है कि इस उपचार से 31 वर्ष तक के मरीज को भी लाभ प्रदान किया जा चुका है। अब तक डॉ. पद्माकर सैकड़ों मरीजों की क्लब फुट बीमारी का इस पद्धति से उपचार कर चुके हैं। डॉ. पद्माकर द्वारा वर्ष 2015-16 में 14, वर्ष 2016-17 में 33, वर्ष 2017-18 में 143 एवं वर्ष 2018-19 में 56 मरीजों का उपचार किया गया है। वर्ष 2019 में 23 मरीज उपचाररत् हैं। 


सार्वजनिक संपत्ति विरूपण की कार्रवाई करने हेतु टीम गठन के निर्देश
बैतूल, 02 फरवरी 2019
अनुविभागीय राजस्व अधिकारी एवं निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी विधानसभा क्षेत्र-131 बैतूल श्री सीएल चनाप ने अनुभाग अंतर्गत जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगरीय निकायों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को लोकसभा निर्वाचन 2019 हेतु सार्वजनिक संपत्ति विरूपण की रोकथाम के संबंध में अपने-अपने क्षेत्रांतर्गत संपत्ति विरूपण के संबंध में एक-एक टीम गठित कर कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। 


स्थाई पेजयल व्यवस्था की कार्य-योजना बनाये
राज्य-स्तरीय कार्यशाला में मंत्री श्री सुखदेव पांसे
बैतूल, 02 फरवरी 2019
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री सुखदेव पांसे ने गरमी के मौसम में पेयजल व्यवस्था की भोपाल में आयोजित राज्य-स्तरीय कार्यशाला में निर्देश दिये कि प्रदेश में पेयजल की स्थाई व्यवस्था के लिए विस्तृत कार्य-योजना बनाई जाये। प्रत्येक विभागीय अधिकारी और कर्मचारी को इस व्यवस्था को सफल बनाने के लिये दिन-रात काम करना होगा। उन्होंने कहा कि गरमी के मौसम में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के कार्य को चुनौती के रूप लेना होगा। यह मानव सेवा का कार्य है।
मंत्री श्री पांसे ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों के निर्देशों का अधिकारी पालन करें। उनके द्वारा बताये गये कार्यों को गंभीरता से समय पर पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं से भी पेयजल की समस्या की शिकायत नहीं मिलना चाहिए। शिकायत आने पर संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। श्री पांसे ने कहा कि अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों का निरंतर दौरा करें। प्रदेश की भौगोलिक आवश्यकता अनुसार जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर कार्य-योजनाएँ बनायें और उन्हें पूरा करें।
कार्यशाला में प्रमुख सचिव श्री विवेक अग्रवाल, प्रमुख अभियन्ता श्री के.के. सोनगरिया और प्रदेश के सभी अधीक्षण और कार्यपालन यंत्री उपस्थित थे।


उचित मूल्य दुकानों का हर सप्ताह होगा निरीक्षण
राज्य शासन द्वारा कलेक्टरों को निर्देश जारी
बैतूल, 02 फरवरी 2019
राज्य शासन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कसावट लाने के लिये उचित मूल्य दुकानों के निरंतर निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण के निर्देश जारी किये हैं। कलेक्टरों को जिले की समस्त उचित मूल्य दुकानों की निरीक्षण और वितरण प्रणाली की साप्ताहिक समीक्षा के लिये कहा गया है। निर्देशों के अंतर्गत कलेक्टर द्वारा निरीक्षण रोस्टर तैयार कर सक्षम अधिकारियों को दायित्व सौंपा जायेगा।
जिला कलेक्टरों से कहा गया है उचित मूल्य की दुकानों के निरीक्षण का रोस्टर इस प्रकार तैयार किया जाये कि सक्षम अधिकारी सप्ताह में एक बार उचित मूल्य दुकान का निरीक्षण अवश्य करें। निरीक्षण प्रतिवेदन की कलेक्टर द्वारा प्रति सप्ताह समीक्षा की जाये। दुकानों में पाई गई सामान्य त्रुटि की दशा में सुझाव रजिस्टर में निर्देशात्मक टीप दर्ज की जाये। गंभीर अनियमितता पाये जाने पर निरीक्षण अधिकारी द्वारा प्रकरण तैयार कर आवंटन अधिकारी को प्रस्तुत किया जाये। निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि गंभीर अनियमितता के मामलों में आवंटन अधिकारी द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाये।
उचित मूल्य दुकानों के निर्देशानुसार निरीक्षण में लापरवाही की स्थिति परिलक्षित होने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। निरीक्षण प्रतिवेदन नियमित रूप से हर माह के प्रथम सप्ताह में कलेक्टर द्वारा संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण को भेजा जायेगा।



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