ग्रामीण मीडिया संवाददाता
आम चुनाव से ठीक पहले का अंतरिम बजट चुनावी ही रहा। वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने किसानों और मध्यम वर्ग काे खुश करते हुए अप्रत्याशित घोषणाएं कीं। दो हैक्टेयर यानी 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को हर साल 6 हजार रुपए की गारंटी वाली प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना की घोषणा की। दूसरी ओर, मध्यम वर्ग को खुश करते हुए आयकर की सीमा 2.5 लाख रु. से दोगुनी करते हुए 5 लाख रु. करने की घोषणा की। किसानों की राशि का भुगतान 1 दिसंबर 2018 से लागू होगा, जबकि आयकरदाताओं को छूट का लाभ अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2019 के बाद मिलेगा।
किसान...के लिए
12 करोड़ किसानों के खाते में तीन किस्तों में आएंगे 6,000 रुपए


असर: 12 करोड़ परिवार यानी करीब 40 करोड़ लोगों के वोटबैंक तक सीधी पहुंच बनाने की कोशिश।
समय पर कर्ज चुकाने पर 3% अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी


असर: 10.5 करोड़ किसानों पर कर्ज है। 10 लाख करोड़ लोन बैंकों से लिया गया है।
स्वप्न 2019
हर माह 100 रु. जमा करने पर 60 की उम्र के बाद 3 हजार रु. पेंशन

असर: असंगठित क्षेत्र में 15 हजार रुपए महीना तक कमाने वाले करीब 10 करोड़ श्रमिकों को लाभ होगा।
पांच लाख तक की आय वालों को टैक्स में बड़ी छूट दी गई है। तीन करोड़ लोग इसके दायरे में आएंगे। सरकार पर साढ़े 18 हजार करोड़ रु. का भार पड़ेगा। इनकम टैक्स से इस साल सरकार को 5.29 लाख करोड़ रु. मिले हैं।
रियल एस्टेट...के लिए
दूसरे घर पर किराए में टीडीएस छूट सीमा 1.80 से 2.40 लाख रु. की गई






पिछले बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 15500 करोड़ का बजट था। इस बार इसे 23% बढ़ाते हुए 19000 करोड़ कर दिया गया है। इसी तरह मनरेगा में भी बजट 55 हजार करोड़ रुपए से बढ़ाकर 60 हजार करोड़ रुपए किया गया है। असर: 70% वोटर गांवों में हैं। पिछले तीन चुनाव में भाजपा को गांवों में ज्यादा नुकसान हुआ है।
पहली बार
गाय के लिए आयोग
देश में पहली बार गोवंश संसाधन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग बनेगा। मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य पालन विभाग बनेगा। असर... गाय पर होती सियासत के अलावा 1 करोड़ से ज्यादा परिवार दुग्ध उत्पादन से जुड़े हैं। 1.5 करोड़ परिवार मछलीपालन से जुड़े हैं। इसी तरह यानी इन दोनों योजनाओं के तहत 8 से 10 करोड़ वोटर्स तक पहुंचने की कोशिश।

चौंका दिया
ग्रामीण फंड 23% बढ़ा
निराश किया
हेल्थ के लिए कुछ नहीं
कोई नई घोषणा नहीं की गई है। सिर्फ हरियाणा, जहां इसी साल चुनाव हैं, एक एम्स बनाने की बात कही। सरकार पांच साल में 14 नए एम्स घोषित कर चुकी है। इनमें से फिलहाल एक भी शुरू नहीं हो पाया है। ज्यादातर 2021 के बाद शुरू करने के दावे हैं।
बाजार पर असर
खुला
खुला
36,311.74
36,311.74
निफ्टी 10893.65  62.70
क्यों चढ़ा? अंतरिम बजट में किसानों और मध्यम आय वर्ग को टैक्स में राहत देने की घोषणा से ऑटो और खपत आधारित कंपनियों के शेयर चढ़े।
आगे क्या? रियल एस्टेट और कंज्यूमर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी की उम्मीद।
टेक्स देने वालों ध्यान से पढ़ो
पांच लाख रुपए तक की सालाना टैक्सेबल इनकम वाले करदाताओं को अब टैक्स में पूरी छूट मिलेगी। इन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बजट भाषण में दावा किया-80 सी के तहत निवेश की डेढ़ लाख की छूट को जोड़ लें तो साढ़े छह लाख रुपए सालाना कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। हालांकि, जिनकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख से ज्यादा है वे इस दायरे में नहीं आएंगे क्योंकि टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

...और कंज्यूमर के लिए सस्ते-महंगे का गणित जीएसटी के बाद पहले ही खत्म हो चुका है


सरकार के इस ऐलान का असर करदाता पर यूं समझिए...
अगर मेरी इनकम 5 लाख रुपए है तो 0 रु. टैक्स देना पड़ेगा (सभी गणना टैक्स सेविंग टूल्स के बिना)
टैक्सेबल इनकम 6 लाख रु. है तो
2.5 लाख पर शून्य टैक्स
2.5 लाख पर 5% यानी 12,500
बाकी एक लाख पर 20% 20,000
कुल टैक्स 32,500
इनकम 10 लाख रुपए है तो
2.5 लाख पर शून्य टैक्स
2.5 लाख पर 5% यानी 12,500
बाकी 5 लाख पर 20% 1,00,000
कुल टैक्स 1,12,500
इनकम 15 लाख रुपए है तो
2.5 लाख पर शून्य टैक्स
2.5 लाख पर 5% यानी 12,500
5 लाख पर 20% 1,00,000
बाकी 5 लाख पर 30% 1,50,000
कुल टैक्स 2,62,500
छूट मिलाकर 9 लाख तक आय पर टैक्स नहीं


5 लाख से ज्यादा इनकम वालों का क्या?


इन्वेस्टर



बिजनेसमैन


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