ग्रामीण मीडिया सेण्टर
मुलताई| दशहरे पर शमी के पेड़ और इसकी पत्तियों का विशेष
महत्व होता है। महाराष्ट्रीयन पंडित दशहरे पर नगर सीमा पर
पहुंचकर शमी के पेड़ का पूजन कर पत्ती तोड़ते हैं। इसके बाद ही
नवरात्रि में 9 दिनों की उपासना पूरी होती है। समय के साथ नगर
सीमा में शमी के पेड़ गायब हो गए। जिससे परेशानी का सामना
करना पड़ता है। जिससे पिछले कुछ सालों से महाराष्ट्रीयन पंडित
शमी की लकड़ी लाकर नगर सीमा में गाड़ देते थे। इसके बाद
शाम को इस लकड़ी का पूजन करते थे। जब यह नजारा पूर्व
नपा अध्यक्ष डॉ. जीए बारस्कर और रमन भाई पटेल ने देखा
तो उन्होंने पूजन के लिए नगर सीमा पर शमी का पौधा लगाने
का निर्णय लिया। शनिवार को दशहरे पर दोनों ने मिलकर शमी
सहित अन्य प्रजातियों के पौधे रोपे। शमी के पौधे को पालने की
जिम्मेदारी रमन भाई पटेल ने अपने कंधों पर ली है। अब नगर
सीमा पर पंडितों को आसानी से शमी का पौधा पूजन के लिए
उपलब्ध हो जाएगा।
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