वैश्य समाज की संस्कृति और संस्कार सेवा करना सिखाती है। पूरे देश में जितने भी सेवार्थ के नाम पर संगठन चल रहे हैं उसमें 85 प्रतिशत वैश्य समाज के लोगों की भागीदारी है। समाज के सुख- दुख में खड़ा रहने के लिए हमें मजबूत संगठन बनाना होगा। जीवन में पैसा महत्व रखता है लेकिन सब कुछ पैसा नहीं होता है। सेवा कार्य महत्वपूर्ण होता है। यह बात सूरजमल स्मृति भवन में आयोजित वैश्य महासम्मेलन में वैश्य समाज के प्रदेशाध्यक्ष उमाशंकर गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा समाज की रक्षा के लिए संगठित होकर कार्य करने की जरूरत है। एक-दूसरे की परेशानी को दूर करने के लिए आगे आएं। नगर के साथ अब गांव-गांव में संगठन खड़ा करने की जरूरत है। संगठन हर कठिन कार्य को सरल कर देता है। समाज के लोगों को कोई तकलीफ है तो उसकी हर संभव मदद के लिए आगे आकर कार्य करें। वैश्य समाज के राजीव खंडेलवाल ने भी संगठन को मजबूत करने की बात कही। भगवान दास अग्रवाल, बिरदीचंद पगारिया, आशीष अग्रवाल, तपन खंडेलवाल ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर रेखा शिवहरे, संजय अग्रवाल, चंद्रकांत शर्मा, कमल सोनी, प्रशांत भार्गव सहित वैश्य समाज के लोग उपस्थित थे।
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