ग्रामीण मीडिया सेण्टर| राजेंद्र भार्गव
- रेत के अवैध व्यापर से, सरकार को रोजना लाखों का नुकसान, राजस्व की चोरी
- नगर के दर्जनों मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण करते रेत की रीपैकिंग
- उदाहरण : भाजपा कार्यालय के पीछे वन विभाग के सामने विश्राम भवन से मात्र 50 मीटर की दूरी पर बेरियल नाका पुलिस चौकी से मात्र 10 मीटर की दूरी पर
- नगरप्रशासन की मौन सहमति
- अतिक्रमण से बड़ी दुर्घटना को आमंत्रण
- रात में बेलगाम दौड़ते ओवरलोड रेत के डंपर
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भाजपा कार्यालय के पीछे वन विभाग के सामने विश्राम भवन से मात्र 50 मीटर की दूरी पर बेरियल नाका पुलिस चौकी से मात्र 10 मीटर की दूरी पर स्थित है स्थान |
जिले में पिछले दिनों में लगभग 8 मौतें रेत से भरे डंपर के लापरवाह पूर्ण चालन एवं अधिकता से भरी रेत के कारण हुई| ना जाने कितने घरों के दीपक इस घटना के बाद बुझ गए, फिर भी रेत माफियाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है |
यदि मुलताई तहसील की बात की जाए तो मुलताई में रेत का अवैध धंधा जोरों पर है| यहां कुछ रेत व्यापारी तथा डंपर मालिक रेत डंपर से खरीदते हैं डंपर पूरे ऊपर तक लबालब भरे होते हैं जो कि ओवरलोडेड होते हैं | इसके पश्चात यह एक डंपर की रायल्टी सरकार को अदा करते हैं और नियम विरुद्ध इस डंपर को ट्रॉलियां बनाकर या कहले रीपैकिंग कर कर मार्केट में बेच देते हैं| जहां एक ऒर यह लोग भारी रॉयल्टी की चोरी सरकार के साथ कर रहे हैं वंही दूसरी ऒर रेत की रीपैकिंग हेतु नगर के मुख्य सड़क मार्गों का इस्तेमाल कर रहे हैं | यह पहले तो मुख्य सड़क मार्गों की पटरियों पर रेत के डंपर खाली करते हैं उसके पश्चात ट्रालियां लगाकर उसे वापस भरते हैं जिससे नगर के मुख्य मार्गो की आवाजाही तो बाधित होती ही है साथ ही एक बड़ा खतरा एक्सीडेंट का बना रहता है| यह तो वही बात हो गई एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी, जहां एक ओर यह लोग सरकार की रॉयल्टी की चोरी कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर एक बड़े एक्सीडेंट जैसे खतरे को भी आमंत्रित कर रहे हैं|
आपको अतिक्रमण की यह जो ऊपर फोटो दिखाई दे रही है यह भाजपा कार्यालय के पीछे, वन विभाग के सामने, विश्राम भवन से मात्र 50 मीटर की दूरी पर, बेरियल नाका पुलिस चौकी से मात्र 10 मीटर की दूरी पर स्थित है | स्थान नगर का मुख्य मार्ग है और हमेशा व्यस्त रहता है ऐसे में यहां जारी गोरखधंधा किसी भी अधिकारी नेता वर्ग की नजरों से नहीं छूट सकता इसलिए इसे देखकर मानो ऐसा लगता है कि मुलताई प्रशासन की भी इसमें मौन सहमति है |
आपको बता दें इस गोरखधंधे से रोज लाखों रुपए की आर्थिक क्षति प्रशासन को पहुंचती है साथ ही पिछले दिनों बीती दिल दहला देने वाली घटनाएं भी होने की संभावनाएं बनी रहती हैं| यह रेत से भरे डंपर रात्रि में बेलगाम सड़कों पर दौड़ते है|
क्या होती है रेत की रीपैकिंग
रेत व्यापरी एक डंपर रेत खरीदते है नियमानुसार उन्हें सिर्फ वही डंपर सीधा ग्राहक को बेचना होता है, परन्तु यह नियमविरुद्ध उस डंपर को खाली करते है और फिर एक डंपर से कई ट्राली रेत भरकर उसे बेचते है जोकि बड़ी राजस्व चोरी है और राजस्व की इस तरह रोज लाखों का चुना लगता है |
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