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मंगलवार, 26 मार्च 2019

ख़ास खबर: ये चीजे साथ में खाने से हो सकते है आप बीमार

ग्रामीण मीडिया संवाददाता www.graminmedia.com



आयुर्वेद के अनुसार हर खाद्य पदार्थ का अपना खास स्वाद, अपनी तासीर और पाचन के पश्चात शरीर पर उसका खास असर होता है। इसलिए कोई भी दो अलग-अलग फूड खाते समय इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि कहीं इस कॉम्बिनेशन का सेहत पर कोई नकारात्मक असर तो नहीं पड़ेगा। आज हम कुछ ऐसे ही फूड कॉम्बिनेशन के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अच्छी सेहत की खातिर अवॉइड करना जरूरी है। ऐसे में अगर आपको स्वाद से भी थोड़ा समझौता करने पड़े, तो हिचकिचाइए मत... 

भोजन के बाद आइसक्रीम : यह हमारे यहां काफी कॉमन है। खासकर शादियों या पार्टियों में भोजन के बाद आइसक्रीम खाने-खिलाने का एक रिवाज ही बन गया है। लेकिन यह हमारे पाचन के लिए ठीक नहीं है। दरअसल, भोजन के बाद पाचन अग्नि (जठराग्नि) जागृत होती है। भोजन को ढंग से पचने के लिए यह जठराग्नि जरूरी है। लेकिन भोजन के तत्काल बाद आइसक्रीम खाने से जठराग्नि पैदा ही नहीं हो पाती। इससे खाना ठीक ढंग से नहीं पच पाता है। 


फूड के साथ कोल्ड ड्रिंक्स : आयुर्वेद के अनुसार भोजन शरीर के सभी टिश्यूज तक पहुंचकर उनको पोषित करने वाला होना चाहिए। कई लोगों की यह आदत होती है कि वे खाने के साथ या खाने के तुरंत बाद कोल्ड ड्रिंक (सोडे वाला यानी कार्बोनेटेड ड्रिंक) लेते हैं। खासकर पिज्जा के साथ तो कोल्ड ड्रिंक लिया ही जाता है। लेकिन ये ड्रिंक भोजन से शरीर को मिलने वाले पोषण में बाधा उत्पन्न करते हैं। कोल्ड ड्रिंक्स अमाशय में भोजन को पचाने वाले एंजाइम्स को भी नुकसान पहुंचाते हैं जिससे हाजमा खराब होता है। 


दूध में ग्रीन टी : ग्रीन टी में फ्लेवोनॉयड्स होते हैं जिन्हें कैटेचिन्स कहा जाता है। ये दिल की बीमारियों, कैंसर और स्ट्रोक की आशंका को कम करते हैं। लेकिन अगर दूध में ग्रीन टी मिलाकर पी जाएगी तो इससे दूध के फायदे तो कम होंगे ही, साथ ही ग्रीन टी के भी फायदे नहीं मिलेंगे। इस स्थिति में दूध में पाए जाने वाला कैसीन प्रोटीन, कैटेचिन्स की सघनता यानी असर को कम कर देता है। इससे कैटेचिन्स के अपेक्षित फायदे नहीं मिलते हैं। 

भोजन के साथ या बाद में फल : भोजन के साथ-साथ या भोजन के तत्काल बाद भी फल नहीं खाना चाहिए। इसकी वजह यह है कि फलों में केवल शक्कर और फाइबर्स होते हैं, जिन्हें पचने में ज्यादा वक्त नहीं लगता। इसके विपरीत भोजन में प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च जैसे तत्व होते हैं, जिन्हें पचने में अपेक्षाकृत ज्यादा समय लगता है। इस वजह से भोजन के साथ-साथ खाए फल या फ्रूट चाट का कोई फायदा नहीं होता और वे जल्दी पचकर अमाशाय में ही सड़ने लगते हैं।


फलों के साथ दूध : दूध की पाचन प्रक्रिया अन्य फूड से बहुत अलग होती है। दूध का सबसे ज्यादा फायदा तब मिलता है, जब इसे विशुद्ध रूप से सिर्फ दूध के रूप में ही लिया जाए। किसी के साथ मिलाकर नहीं। हां, इसे कुछ नॉन-यीस्टी फूड जैसे कॉर्न फ्लेक्स के साथ लिया जा सकता है, लेकिन फलों के साथ तो बिल्कुल नहीं। आयुर्वेद में तो इसे मना किया ही गया है, नई डाइट्री गाइडलाइंस भी दूध और फलों के कॉम्बिनेशन को अवॉइड करने की सलाह देती है। इसलिए फ्रूट मिल्क शेक भी नहीं लेना चाहिए, यह हाजमा खराब कर सकता है। 


दूध और अंडा/मछली/मांस : अंडे, मछली और मांस में जो प्रोटीन होता है, वह दूध के प्रोटीन से बिल्कुल अलग तरह का होता है। दूध ड्यूडेनम (पेट और छोटी आंत के बीच की जगह) में ही पचता है, न कि अमाशय में। इस वजह से अमाशय से शरीर के बाकी अंगों व टिश्यूज के लिए होने वाला स्राव बाधित होता है, जिसके फलस्वरूप अंडा-मछली या चिकन-मटन आदि खाने के बाद या पहले दूध पीने से पाचन में दिक्कत आ सकती है। 

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