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गुरुवार, 4 जुलाई 2019

अस्पताल, एक ही पलंग पर महिला और पुरुष को भेजा,वीडियो बैतूल का भी मामला

ग्रामीण मीडिया संवाददाता ।  

यह खबर इंदौर से- 
एम वाय अस्पताल में नही था स्ट्रेचर, एक ही पलंग पर महिला पुरूष को साथ X-Ray के लिए भेजा

इंदौर | एमवाय अस्पताल में बुधवार को असंवेदनशीलता सामने आई। हड्‌डी रोग विभाग के ड्यूटी डॉक्टर ने स्ट्रेचर नहीं मिलने पर एक ही पलंग पर महिला और पुरुष मरीज को लिटाकर जांच के लिए भेज दिया। मामला सामने आया तो अस्पताल अधीक्षक डाॅ. पीएस ठाकुर ने ड्यूटी डॉक्टरों, नर्सिंग इंचार्ज, नर्स, वार्ड बॉय को नोटिस जारी किया।  हादसे में घायल पंधाना की एक महिला 10 दिन से यहां भर्ती है। इसी के पास मंदसौर का मरीज भी है। बुधवार को दोनों का एक्स-रे होना था। जब स्ट्रेचर नहीं मिला तो दोनों को एक ही व्हील बैड पर एक्स-रे के लिए ले जाया गया। अधीक्षक डॉ. ठाकुर ने इसे आपत्तिजनक घटना बताते हुए कहा कि नर्सिंग इंचार्ज को इसकी पुनरावृत्ति न होने के आदेश दिए हैं।   खंडवा जिले के पंधाना निवासी संगीता पति धर्मेंद्र हादसे में घायल हो गई थीं। 10 दिन पहले उसे खंडवा जिला अस्पताल से एमवायएच रैफर किया गया। उसे यहां हड्डी रोग विभाग में भर्ती किया गया। उसके पास के वार्ड में एक अन्य मरीज रामप्रसाद पिता नानूराम, मंदसौर का भी एक्स-रे होना था। वार्ड 9 और 10 में भर्ती दोनों मरीजों की तल मंजिल पर जांच होना थी। पहले तो काफी देर तक स्ट्रेचर ढूंढा गया, लेकिन उसके बाद व्हील वाले छोटे पलंग पर दोनों मरीजों लिटाकर भेज दिया गया।   इस बारे में पति का कहना था कि हमसे कहा गया कि जांच जल्द जांच करा लो। वरना डॉक्टर चले जाएंगे। स्ट्रेचर नहीं मिलने पर हम मरीज को ऐसे ही ले आए। साथ में एक मरीज और था। इधर, जब इसकी जानकारी अधिकारियों को पता चली तो उन्होंने मेट्रन को तलब किया। प्रभारी डीन डॉ. केके अरोरा अस्पताल पहुंचे। बंद कमरे में मेट्रन और सीएमओ से बात की। अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर ने नोटिस जारी किया है। डॉ. ठाकुर का कहना है कि यह आपत्तिजनक घटना है। इसकी पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए हमने सभी नर्सिंग इंचार्ज को आदेश जारी कर रहे हैं। स्ट्रेचर उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी नर्सिंग इंचार्ज की है।
देखें वीडियो- न्यूज़ सोर्स DB इंदौर


बिगड़ी व्यवस्था की एक खबर बैतूल से-
जिला अस्पताल में बारिश से घुसा पानी


बैतूल |नए तीन मंजिला अस्पताल भवन में पहली बारिश में ही मंगलवार रात हुई मूसलाधार बारिश में पानी भरा गया। पीआईयू द्वारा 18 करोड़ 62 लाख की लागत से बनाए तीन मंजिला अस्पताल भवन के निर्माण में ठेकेदार द्वारा की गई लापरवाही पहली तेज बारिश में उजागर हो गई। रात 12 बजे छत पर जमा पानी दरवाजे से होकर सीढ़ी के रास्ते ओपीडी, मेल वार्ड, फीमेल वार्ड, टीबी वार्ड, आइसोलेशन वार्ड में घुस गया। अचानक घुसे पानी से मरीजों में अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल प्रबंधन ने रात को सफाई कर्मचारियों की मदद से वार्ड और ओपीडी में घुसा पानी निकाला। इसके बाद मरीजों के लिए व्यवस्था बनाई। पहली ही बारिश में अस्पताल भवन में पानी घुसने के मामले में कलेक्टर तेजस्वी एस. नायक ने जांच करने के निर्देश दिए। 

शहर में मंगलवार रात 10 बजे से पहली बार मूसलाधार बारिश हुई। लगातार एक घंटे तक हुई जोरदार बारिश से तीन मंजिला अस्पताल भवन में गहरी नींद में सो रहे मरीजों में पानी भराने से हड़कंप मच गया। एक घंटे की बारिश से अस्पताल की नई बिल्डिंग की छत पर जमा पानी दरवाजे से होता हुआ सीढ़ी के रास्ते तृतीय तल, द्वितीय तल, प्रथम तल से होता हुआ ग्राउंड फ्लोर पर आ गया। पानी इतनी तेजी से नीचे आया कि मरीजों व कर्मचारियों को संभलने का मौका नहीं मिला। सबसे ज्यादा पानी ग्राउंड फ्लोर की ओपीडी, मेल और फीमेल वार्ड में भराया। यहां भर्ती मरीजों की नींद खुली तो शोर मच गया। ड्यूटी डॉक्टरों व कर्मचारियों ने सिविल सर्जन को जानकारी दी। इसके बाद पानी निकालने के लिए सफाई कर्मचारियों के अलावा ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी भी जुट गए। हालांकि रात में ही किसी तरह अस्पताल में घुसा पानी साफ कर दिया। बुधवार को दिन भर बिल्डिंग में सुधार कार्य होता रहा। 

पानी घुसने के यह हैं 4 कारण 
भवन निर्माण में यह हैं खामियां 
जहां से पानी निकलना था उन पाइप की जाली में भरी थी सीमेंट 
अस्पताल भवन की छत का पानी निकालने के लिए बिल्डिंग के चारों तरफ पाइप लगाए गए थे। इसमें जगह-जगह जालियां लगाई गईं हैं। जालियों में सीमेंट, गिट्टी सहित कचरा जमा था। इससे छत का पानी निकलने की बजाए बिल्डिंग के अंदर घुस गया। 
रूफ वाटर हार्वेस्टिंग की फिटिंग गलत जगह की 
बिल्डिंग की चौथी मंजिल से वाटर हार्वेस्टिंग का पाइप उतारा है। इस पाइप की फिटिंग गलत जगह पर कर दी। वाटर हार्वेस्टिंग के पाइप से भी पानी अस्पताल के वार्डों में घुस गया। बुधवार को पीआईयू ने पाइप की फिटिंग सही जगह कराई। 
 छत का पानी निकालने लगाए पाइप की जालियों में भरी थी सीमेंट। 
छत के दरवाजे पर पानी रोकने नहीं बनाई थी देहरी 
तीन मंजिला बिल्डिंग की छत पर जाने वाली सीढ़ियों के ऊपर दरवाजा बनाया है। इस दरवाजे के पास पानी रोकने के लिए ईंट या सीमेंट से बाउंड्री नहीं बनाई है। छत पर उसी दरवाजे की तरफ स्लोप होने से बारिश का पानी दरवाजे से होता हुआ सीढ़ियों के सहारे वार्डों में घुस गया। 
एक्सपेंशन ज्वाइंट में लीकेज, टपकता रहा पानी- 
अस्पताल भवन में लगे एक्सपेंशन ज्वाइंट से दिन भर पानी टपकता रहा। टीबी वार्ड के पास तो कर्मचारियों को पानी के लिए बाल्टी लगाना पड़ा। एक्सपेंशन ज्वाइंट में केमिकल भरने में लापरवाही करने के कारण जहां भी यह ज्वाइंट है, वहां से लगातार पानी टपक रहा है। 
 टावर के दरवाजे पर पानी रोकने नहीं बनाई थी बाउंड्री 
बैतूल. जिला अस्पताल के तीन मंजिला भवन में रात को पानी घुसने के बाद सफाई करते कर्मचारी। 
जवाबदाराें ने ये दिए तर्क 
 चौथी मंजिल पर लगे वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के पाइप दरवाजे के पास था। इसी के सहारे बारिश का पानी सीढ़ियों से होकर वार्डों और ओपीडी में पहुंचा। रात में वार्डों और बरामदे का पानी साफ करा दिया है। जहां से पानी अंदर घुसा वहां पीआईयू द्वारा सुधार कार्य करवाया जा रहा है। डॉ. अशोक बारंगा, सिविल सर्जन, बैतूल 
 एक्सपेंशन ज्वाइंट में नहीं भरा केमिकल। 
 जिला अस्पताल भवन में पानी घुसने के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। प्रथम दृष्टया अस्पताल में पानी न घुसे इसके लिए सुधार कार्य करने के लिए पीआईयू को कहा है। पीआईयू से जांच कर रिपोर्ट मंगवाई है, यदि इसमें जान बूझकर गलती की है तो कार्रवाई की जाएगी। तेजस्वी एस. नायक, कलेक्टर, बैतूल 
 अस्पताल भवन में पानी घुसने पर कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार को अस्पताल भवन भेजा था। अस्पताल में सुधार कार्य करवाया जा रहा है। अस्पताल भवन की छत पर लगे दरवाजे से होकर सीढ़ियों के रास्ते से पानी अंदर पहुंचा है। कलेक्टर साहब को जानकारी दे दी है। राजीव रंजन पांडे, एसडीएम, बैतूल 
 रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के पाइप को गलत जगह खुला छोड़ा 
 वाटर हार्वेस्टिंग का पाइप की फिटिंग गलत जगह हो गई थी। छत के दरवाजे के पास पाइप की फिटिंग होने से उसमें से पानी दरवाजे से होकर सीढ़ियों के सहारे वार्डों में घुस गया। बिल्डिंग बड़ी होती हैं तो दो कॉलम साथ में बनाए जाते हैं। इनके बीच एक्सपेंशन ज्वाइंट लगाया जाता है। जिसे केमिकल से भरा जाता है। केमिकल भरने में कहीं लापरवाही हो गई है। इससे पानी टपक रहा है। जिसका सुधार कार्य किया जा रहा है। पी सिंगारे, ईई, पीआईयू 


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