ग्रामीण मीडिया सेण्टर| सारनी।। प्रमोद गुप्ता ।।
पाथाखेड़ा के भारतीय स्टेट बैंक से ठगी का एक नया मामला प्रकाश में आया है। सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी के खाते से 30,000 ₹ की रकम निकाल ली गई और इसकी जानकारी भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारी और अधिकारियों को नहीं हुई । आश्चर्य की बात तो यह है कि डब्ल्यूसीएल की छतरपुर वन खदान से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी के पास ना तो भारतीय स्टेट बैंक का ATM है और ना ही चेक बुक उसके बाद भी उनके खाते से अलग-अलग तारीख पर लगभग 30, 000 ₹ निकाले जा चुके हैं।
डब्ल्यूसीएल की भूमिगत खदान से सेवानिवृत्त होकर वह अब उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में निवास कर रहे हैं और 2 दिन पूर्व ही वे पाथाखेड़ा अपने पुत्र के पास आए और जब मंगलवार को वह अपने खाता क्रमांक 10913755837 में से विपिन निकालने पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके खाते में से पहले भी 12 अप्रैल 2017 से लेकर 25 अक्टूबर 2017 तक अलग-अलग तिथि में 30,000 ₹ की राशि निकाली जा चुकी है। इसकी जानकारी लेने जब मतुबर राम भारतीय स्टेट बैंक पाथाखेड़ा के शाखा प्रबंधक के पास पहुंचे तो उन्होंने इस मामले की जांच करने के बजाय सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी को सीधे मुंह कह दिया कि इस मामले की जाकर आप शिकायत करें पुलिस मामले की जांच करेगी।
।। कौन है यह आशा सिंह मौर्य ।।
आश्चर्य की बात तो यह है कि पाथाखेड़ा के अस्पताल कॉलोनी में रहने वाले मतुबर राम छतरपुर वन माइंस में डीलर के पद पर कार्यरत थे और वर्ष 2012 में अपने कार्य से सेवानिवृत्त होने के बाद वह उत्तर प्रदेश के बलिया में चले गए । उनके खाते से बिहार के गया जिले की किसी आशा सिंह मौर्य के खाता क्रमांक 34743304310 पर भारतीय स्टेट बैंक शाखा पाथाखेड़ा के कर्मचारी अधिकारियों के माध्यम से पैसे ट्रांसफर किए गए । अब सवाल यह उठता है कि जब डब्ल्यूसीएल से सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी उत्तर प्रदेश के बलिया में है और उनके नाम पर किस व्यक्ति ने आशा सिंह मौर्य के खाते में पैसे डाले हैं । यह आश्चर्य का विषय बना हुआ है ।बलेकिन अपने गांव से वापस आने के बाद सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारी को जब अपने खाते में 30,000 की रकम कम मिली तो उनका दिमाग सातवें आसमान पर पहुंच गया।
।। कर्मचारी अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं ।।
पाथाखेड़ा के भारतीय स्टेट बैंक में इस तरह का मामला प्रकाश में आ जाने के बाद भारतीय स्टेट बैंक शाखा पाथाखेड़ा में हड़कंप का माहौल मचा हुआ है । कर्मचारी एक दूसरे को शक की दृष्टि से देख रहे हैं । अब सवाल यह उठता है कि भारतीय स्टेट बैंक के खाताधारी के बिना अनुपस्थिति के उनके खाते से 30000 की भारी भरकम रकम कैसे ट्रांसफर हो गई ।
इस मामले को लेकर भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक कार्यालय के टेलीफोन क्रमांक 270 807 पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया ।
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