ग्रामीण मीडिया संवाददाता जिला बैतूल
कलेक्टर कार्यालय
ड्यूटी पर अनुपलब्ध तीन डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस
बैतूल, 04 फरवरी 2019
कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोड़े ने जिला अस्पताल में सोमवार को प्रात: 9.30 बजे ड्यूटी पर अनुपलब्ध पाए गए तीन चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस देने के निर्देश दिए हैं। उक्त चिकित्सक शनिवार के दिन निरीक्षण के दौरान भी अनुपस्थित पाए गए थे।
जिन चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं उनमें डॉ. मोनिका सोनी, डॉ. चित्रकला पाटिल एवं डॉ. मेघा वर्मा शामिल हैं।
अधिकारी पूरी चेतना के साथ कत्र्तव्यों का पालन करें- कलेक्टर श्री पिथोड़े
कत्र्तव्यों के पालन में लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त
बैतूल, 04 फरवरी 2019
कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोड़े ने विगत दिनों जिला अस्पताल में हुई नवजात शिशुओं की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों से जुड़े अधिकारियों को पूरी चेतना के साथ शासकीय कत्र्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकारी नौकरी का मतलब सिर्फ सशरीर कार्य पर पहुंच जाना एवं शाम को घर वापस आ जाना, नहीं होना चाहिए। प्रत्येक अधिकारी को अपने कत्र्तव्यों का ज्ञान होना चाहिए। उसको अपने ड्यूटी के प्रति सजग होना चाहिए एवं विभाग से संबंधित आने वाली संभावित कठिनाइयों के प्रति भी उसे सजग रहना चाहिए। यदि अधिकारी संभावित कठिनाइयों के प्रति सजग रहेंगे तो उनके विभाग में कोई अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं होगी। श्री पिथोड़े सोमवार को समयावधि पत्रों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री क्षितिज कुमार सिंहल, अपर कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि शासकीय कार्यालयों में अथवा स्वास्थ्य केन्द्रों में निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति न हो। यदि कहीं कोई अव्यवस्था है तो वह गंभीरता से रेखांकित की जाए एवं उसके निराकरण के लिए तत्परता से उपाय किए जाएं। उन्होंने अकेले स्वास्थ्य विभाग नहीं, बल्कि हर विभागीय अधिकारी से इस तरह की अपेक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले में जल संकट की आहट से भी अधिकारी बेखबर न रहें। ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल आपूर्ति की सुव्यवस्थित कार्ययोजना तैयार की जाए। जहां भी पेयजल संकट की स्थिति निर्मित हो रही है वहां तत्परता से समस्या के निराकरण के उपाय अपनाए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शासकीय कार्यालय भवन में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करना आवश्यक है। आगामी गुरूवार, शुक्रवार एवं शनिवार के दिन कार्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा। जहां यह सिस्टम लगे नहीं मिलेंगे, उन अधिकारियों का वेतन काटा जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए एवं ग्रामीण क्षेत्रों के निजी मकानों में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगावाए जाएं।
मुख्य मार्गों पर सामुदायिक शौचालय निर्मित हों
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कलेक्टर ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं नगरीय क्षेत्रों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन स्थानों से नेशनल हाईवे अथवा अन्य मुख्य मार्ग गुजर रहे हैं, वहां प्रमुख स्थानों पर सामुदायिक शौचालय आवश्यक रूप से निर्मित करवाए जाएं। इन शौचालयों में स्वच्छता एवं पानी के समुचित प्रबंध हों।
छात्रावासों की कमियां दूर हों
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कलेक्टर ने कहा कि निरीक्षण के दौरान जिले के जिन छात्रावासों में कमियां पाई गई है, उनको दूर करने के तत्काल उपाय किए जाएं। छात्रावासों में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि वहां प्रकाश, टॉयलेट, बिस्तर, भोजन, स्वास्थ्य उपचार एवं स्वच्छता के समुचित प्रबंध हों। अभी तक छात्रावासों में जो कमियां चिन्हित की गई है, वे एक सप्ताह के अंदर निराकृत की जाएं।
सोनाघाटी मेले में सुरक्षा के एहतियाती प्रबंध हों
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कलेक्टर ने बैठक में आगामी दिनों में सोनाघाटी के शिव मंदिर पर आयोजित होने वाले मेले में सुरक्षा प्रबंधों पर विशेष ध्यान दिए जाने के एसडीएम को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान यहां आने वाले श्रद्धालु रेल्वे पटरी क्रॉस न करें, इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएं। साथ ही यहां से गुजरने वाले नेशनल हाईवे पर भी दुर्घटना की स्थिति निर्मित न हो, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम रहे।
जनपद पंचायतों में गौशालाएं निर्मित हों
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बैठक में कलेक्टर ने कहा कि आगामी एक सप्ताह के अंदर प्रत्येक जनपद पंचायत में पांच-पांच गौशालाएं प्रारंभ की जाएं। इन गौशालाओं में पशुओं के लिए पर्याप्त पानी एवं चारा मुहैया हो। उन्होंने कहा कि जिले में अक्रियाशील कांजी हाउसेस का उपयोग भी गौशालाओं के लिए किया जाए।
सडक़ों पर सुरक्षा के मापदण्ड अपनाए जाएं
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कलेक्टर सडक़ निर्माण विभाग से जुड़े अधिकारियों से कहा कि जिले के सडक़ मार्गों पर दुर्घटनाएं न हो, इसके लिए समुचित प्रबंध किए जाएं। प्रमुख स्थानों पर संकेतक एवं अन्य सुरक्षा व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
सडक़ दुर्घटना में मृतकों के परिजन एवं घायलों को आर्थिक सहायता राशि मंजूर
बैतूल, 05 फरवरी 2019
कलेक्टर श्री तरूण कुमार पिथोड़े ने सडक़ दुर्घटना में मृत ग्राम जावरा बैतूल निवासी गुलाबराव वल्द माधोराव कवडक़र एवं ग्राम कामठी शाहपुर निवासी अनिल वल्द बिसनू, प्रत्येक के परिजन को 15000-15000 रूपए की आर्थिक सहायता राशि मंजूर की है। इसी प्रकार सडक़ दुर्घटना में घायल ग्राम भीलावाड़ी बैतूल निवासी छोटू पिता नत्थू गाडग़े, ग्राम रामघाटी भैंसदेही निवासी सरपसिंग वल्द ओझा उइके, श्रीमती मुन्नी पत्नी सरपसिंग उइके, सोनाली पिता सरपसिंग उइके एवं हेमराज पिता सरपसिंग उइके, प्रत्येक को 7500-7500 रूपए की आर्थिक सहायता राशि मंजूर की है।
उर्वरक अमानक घोषित
बैतूल, 05 फरवरी 2019
पंजीयन प्राधिकारी तथा उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री केशवसिंह खपेडिय़ा से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रबंधक आ.जा. सहकारी समिति मांडवी से लिए हरबुजा एग्रोकेम प्रा.लि. गांव-धानोट गांधीनगर गुजरात के उर्वरक प्रोम कोड नंबर एटीएच-01 को अमानक घोषित किया गया है।
समाचार क्रमांक/18/235/02/2019
जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत आवेदन फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 05 फरवरी
बैतूल, 05 फरवरी 2019
उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास श्री केशवसिंह खपेडिय़ा ने बताया कि जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत सहकारी बैंकों/व्यावसायिक बैंकों के द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर किसानों की सूचियां भेजी गई है। वर्तमान समय तक ग्राम पंचायत स्तर पर कुछ किसान आवेदन पत्र भरने से छूट गए हैं। इस हेतु किसानों से संबंधित ग्राम पंचायतों में कार्यरत नोडल/सहायक नोडल अधिकारियों से संपर्क कर चस्पा की गई हरी/सफेद सूची में नाम अंकित होने की स्थिति में आवेदन पत्र नहीं भरा गया हो तो 05 फरवरी तक अनिवार्य रूप से भरने की अपील की गई है। शासन द्वारा जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत आवेदन फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 05 फरवरी 2019 निर्धारित की गई है।
जिन किसानों के नाम हरी एवं सफेद सूची में नहीं है तथा किसानों द्वारा वास्तविक रूप से अल्पकालीन फसल ऋण सहकारी/व्यावसायिक बैंकों से 31 मार्च 2018 के पूर्व लिया गया है, अर्थात् 31 मार्च 2018 की अवधि में ऋण बकाया है, वे किसान गुलाबी फार्म भरकर संबंधित ग्राम पंचायत में अवश्य जमा कराएं।
मुलताई
डैम का 70फीसदी निर्माण हुआ, अभी तक नहीं मिला मुआवजा, किसानों ने रोका काम
7 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले घाटबिरोली
डैम का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।
निर्माण कार्य 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसके
बाद भी किसानों को अधिग्रहित हुई जमीन का
मुआवजा नहीं मिला है। जिससे परेशान किसानों
ने सोमवार को निर्माण स्थल पर प्रदर्शन करते
हुए काम रोक दिया। किसानों का कहना है जब
तक मुआवजे की राशि नहीं मिल जाती तब तक
डैम का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने दिया जाएगा।
किसानों ने ठेकेदार के कर्मचारियों को काम करने
से मना करते हुए मशीनों को खड़ा करवा दिया है।
घाटबिरोली डैम का निर्माण एक साल पहले शुरू
किया हुअा था। इस समय जल संसाधन विभाग
के अधिकारियों ने जिन किसानों की जमीन डूब
में जा रही है उनसे सहमति लेकर काम शुरू करा
दिया था। अधिकारियों ने किसानों को जल्द ही
मुआवजा देने की बात कही थी। इसके बाद भी
अब तक मुआवजा नहीं मिला है।
इन गांवों के किसानों
की जमीन का हुआ
अधिग्रहण
डैम निर्माण के लिए
घाटबिरोली, बरखेड़,
निंबोटी, सावंगा और
सेमरिया पांढरी के किसानों
की 250 हेक्टेयर जमीन
का अधिग्रहण किया है।
डैम निर्माण के बाद 1097
हेक्टेयर जमीन सिंचित
हाेगी। अधिग्रहण से प्रभावित
किसान शिवशंकर भादे,
रामचंद्र भादे, सुरेश हजारे,
कलीराम भादे आदि ने
बताया मुआवजे के लिए
कलेक्टर सहित अन्य
अधिकारियों से गुहार लेकिन
कुछ नहीं हुअा।
अवार्ड पारित हो गया है जल्द मिलेगी मुआवजा
जल संसाधन संभाग के उपयंत्री सीबी पाठेकर ने बताया डैम के लिए अधिग्रहित हुई जमीन के एवज में मुआवजा देने के लिए अवार्ड पारित हो गया है। जल्द ही किसानों के खातों में राशि जमा हो जाएगी। नियमानुसार धारा 11 के प्रकाशन के बाद किसानों की सहमति से डैम का निर्माण कार्य शुरू किया जाता है। जिस दिन से डैम का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है उस दिन से किसानों को मुआवजा राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा।
पुलिस ने अवैध शराब भट्टियों को
तोड़ा, महुआ लहान किया नष्ट
प्रभातपट्टन ब्लॉक के सिवनपानी
के जंगलों में सोमवार को पुलिस ने
अवैध शराब भट्टियों को तोड़ा और
महुआ लहान नष्ट किया। अवैध
शराब बनाने वालों ने झाड़ियों के
बीच प्लास्टिक के ड्रमों में शराब
बनाने के लिए महुआ लहान संग्रहित
करके रखा था। मासोद चौकी प्रभारी
एसआई नीरज पाल ने बताया क्षेत्र
में अवैध शराब बनाए जाने की
शिकायत मिल रही थी। अवैध शराब
बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के
लिए अभियान शुरू किया है। ग्राम
तेलिया, सीवनपानी सहित अन्य
गांवों के आसपास अवैध कच्ची
शराब बनाने की जानकारी मिलने
पर आरक्षक मनोज डेहरिया, अजय
सहित अन्य के साथ निरीक्षण किया।
जंगल में नदी-नाले के किनारे अवैध
शराब बनाने की भट्टियां नजर आई।
जिसे तोड़ा और महुआ लहान नष्ट
किया। इस दौरान अवैध शराब
बनाने और बेचने वाले नहीं मिले।
ग्रामीणों को अवैध शराब बनाने
और बेचने वालों की सूचना देने की
समझाइश दी है।
बाइक दुर्घटना में आईटीआई
के दो छात्र घायल
मुलताई| अग्रवाल पेट्रोल पंप के
पास सोमवार को बाइक दुर्घटना में
आईटीआई के दो छात्रा घायल हो
गए। बरखेड़ निवासी विवेक साबले
और अमित देशमुख निजी आईटीआई
में अध्ययन करते हैं। उपचार के लिए
दाेनाें काे सरकारी अस्पताल पहुंचाया।
अमित और विवेक को आंख, मुंह
और पैर में चोट आई है।
सारणी
83 किसानों की धान खरीदने के बाद भी नहीं हाे पाई बिलिंग, नहीं बिकी तो वापस ले जानी होगी
किसानों की कर्ज माफी योजना के बीच समर्थन मूल्य पर धान बिक्री की योजना का पलीता लग रहा है। सारनी मंडी में 115 किसानों की उपज सोसाइटी ने खरीद ली, लेकिन बिलिंग मात्र 32 की ही हाे पाई। अब 83 किसानों की सैकड़ों क्विंटल धान का भुगतान सरकारी कार्रवाई के कारण अटका हुआ है। न ही इसे बिका माना जा रहा है न ही इसकी बिलिंग हो रही है। यदि बिक्री नहीं हो पाती है तो धान किसानों काे वापस ले जानी पड़ेगी।
समर्थन मूल्य पर शहर के पाटाखेड़ा क्षेत्र में स्थित मंडी परिसर में धान की खरीदी हुई थी। यहां 526 किसानों का पंजीयन हुआ था। 8 पंचायतों के 37 गांवों के किसान यहां बिक्री करने आते हैं। इनमें से 393 किसानों की फसल बिकी और इनकी बिलिंग भी हो गई। भुगतान प्रक्रियाधीन है। इस दौरान आखिरी तारीख के चक्कर में कई किसान फसल नहीं बेच पाए थे। 19 जनवरी आखिरी तारीख थी। इसके बाद शासन ने पांच दिन और खरीदी हुई। यानी 24 जनवरी तक खरीदी की। शासन के आदेशों के बाद भी इन पांच दिनों में 115 किसानों ने जिन्होंने खरीदी की उनकी बिलिंग अटक गई। बिलिंग की ऑनलाइन साइट अब ओपन नहीं हो रही। मात्र 32 किसानों की बिलिंग हो पाई है। किसान रोज सोसाइटी और मंडी परिसर के चक्कर काट रहे हैं। यहां सही जवाब देने वाला भी कोई नहीं है। यही स्थिति चोपना और रानीपुर सोसाइटी की भी है। रानीपुर में 8 ही किसानों का बिल बन पाया है। जबकि चोपना में 97 में से 30 किसानों के ही बिल बन पाए हैं। सारनी सोसाइटी में करीब 2200 क्विंटल माल अधर में अटका हुआ है। इसकी बिलिंग नहीं होती है इसे मजबूरी में किसानों को वापस करना होगा।
सारनी। अस्पताल परिसर के आस-पास परिवहन के लिए रखा किसानों का माल।
किसानों ने कहा धोखा कर रही सरकार, नहीं लेंगे फसल वापस
किसानों ने समर्थन मूल्य खरीदी में गड़बड़ी के लिए पूरी तरह सरकार पर दोष मढ़ा है। बाकुड़ की किसान हीरा बाई भीमराव ने बताया बिलिंग नहीं हुई। वे माल वापस नहीं लेंगे। जब सरकार ने तारीख बढ़ाई तो बिलिंग होने चाहिए। इधर लोनिया के किसान नेता केऊलाल यादव ने बताया किसानों के साथ सरकार पूरी तरह से धोखा कर रही है।
कोडिंग से हुई स्टॉक एंट्री, फिर भी नहीं मिल पा रहा भुगतान
सारनी क्षेत्र में सोसाइटी में किसानों के अलग-अलग माल को कोडिंग कर गोदाम में रखा था। कोडिंग के साथ ही परिवहन हुआ। सारा माल संबंधित किसान के नाम से कोडिंग कर रखा भी गया। मगर, बिलिंग के बाद भी 393 में से आधे किसानों को भुगतान नहीं मिला है। सर्वर धीमा होने से ऐसा हो रहा है। पक्का बिल भी नहीं बन रहे।
16 हजार क्विंटल हो पाई खरीदी, पिछले साल से 3 हजार क्विं. कम
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता, सरकार के बदलने और बार-बार खरीदी रुकने के कारण किसान समय पर अपनी उपज नहीं बेच पाए। तय दिनों में इस बार 16,155 क्विंटल की ही खरीदी हो पाई है। जबकि पिछले सीजन में यह खरीदी 19 हजार क्विंटल से ज्यादा थी। जबकि समर्थन मूल्य ज्यादा होने और पंजीयन संख्या ज्यादा होने के कारण पिछले साल से अधिक आवक की उम्मीद थी।
जिला कार्यालय से जानकारी मांगी है

वामनकर पंचायती राज संगठन ब्लॉक अध्यक्ष बने
सारनी| नप सारनी के सुभाष नगर वार्ड 22 के पार्षद सुखदेव बबलू वामनकर
को राजीव गांधी पंचायती राज संगठन का सारनी ब्लाकॅ अध्यक्ष बनाया गया।
उनकी नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष मीनाक्षी नटराजन व प्रदेश अध्यक्ष हेमंत टाले
के निर्देश पर जिलाध्यक्ष ब्रजभूषण पांड ने े की है। बबलू वामनकर के राजीव
गांधी पंचायती राज संगठन के कार्यों में रुचि और पिछले कई महीनों से
कार्यक्रमों में इनकी सक्रियता को देखते हुए ब्लाकॅ अध्यक्ष नियुक्त किया हैं।
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