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गुरुवार, 7 सितंबर 2017

भू-अभिलेख संशोधन पंजी एवं बी-1 की विसंगतियों में सुधार करने के निर्देश


भू-अभिलेख संशोधन पंजी एवं बी-1 की विसंगतियों में सुधार करने के निर्देश



ग्रामीण मीडिया 
कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने बताया कि वर्तमान में जिले में विशेष ग्राम सभाओं के माध्यम से कम्प्यूट्रीकृत बी-1 अभिलेख प्रत्येक ग्राम पंचायत में वाचन हेतु उपलब्ध कराया गया है। ग्रामसभा के दौरान संबंधित पटवारी द्वारा बी-1 का वाचन किया जा रहा है, साथ ही उपस्थित ग्रामवासियों द्वारा इसमें आपत्तियों एवं कमियों से अवगत कराया जा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान कलेक्टर के ध्यान में यह बात लाई गई है कि विगत तीन वर्षों से कई पटवारियों द्वारा संशोधन पंजी के आधार पर भू-अभिलेख सॉफ्टवेयर में राजस्व रिकार्ड अद्यतन नहीं किया गया है। 
इसी प्रकार ग्राम पंचायत स्तर पर जन्म-मृत्यु के उपरांत ग्राम कोटवार अथवा अन्य अधिकृत व्यक्ति द्वारा ग्राम पंचायत को सूचना देने पर ग्राम पंचायत में संधारित जन्म-मृत्यु पंजी में जानकारी दर्ज नहीं की जा रही। इसके अलावा यह बात भी जानकारी में आई कि रजिस्ट्री होने पर यथासमय खसरे में रिकार्ड संशोधन नहीं हो पा रहा है। इस कारण कृषकों एवं भूमि स्वामियों को भू-अभिलेखों में संशोधन कराने पर कठिनाइयों का अधिक सामना करना पड़ रहा है। उक्त कठिनाइयों के दृष्टिगत कलेक्टर ने समस्त तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम पंचायत में जन्म-मृत्यु रजिस्टर का नियमित निरीक्षण किया जाए तथा ग्राम पंचायत के क्षेत्राधिकार में सभी जन्म-मृत्यु संबंधी रिकार्ड यथासमय पंजी में दर्ज करते हुए उसकी जानकारी संबंधित परिवार को प्रदाय की जाए। ग्राम पंचायत में संधारित जन्म-मृत्यु पंजी के विगत पांच वर्षों की जानकारी एकत्रित करते हुए संबंधित भूमि स्वामी स्वत्व रखने वाले धारकों के प्रकरण दायरा पंजी में दर्ज करते हुए उनका विधिनुसार निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाए। विगत पांच वर्षों की जन्म-मृत्यु पंजी का अवलोकन करें तथा जिन भूमि स्वामियों की मृत्यु हो चुकी है, उनके खसरे में नाम संशोधन हुआ है या नहीं, इसकी जांच करते हुए जांच उपरांत जिन धारकों की मृत्यु होने के उपरांत रिकार्ड संशोधन नहीं हुआ, उनके वारसानों के नाम भू-अभिलेख में संशोधन करने की विधिनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाना है, इस प्रक्रिया में आवेदक के आवेदन का इंतजार नहीं किया जाकर विधि प्रक्रिया के अंतर्गत राजस्व अभिलेख में संशोधन किया जाए। इसके लिए कम्प्यूटर का रिकार्ड भी अद्यतन कराया जाए। विगत दस वर्षों में जिला पंजीयक एवं उप पंजीयक कार्यालयों में जितनी भी रजिस्ट्रियां निष्पादित हुई हैं, उनकी जानकारी एकत्रित करते हुए इन रजिस्ट्रियों के आधार पर नामांतरण प्रकरण दर्ज करते हुए रिकार्ड संशोधन करने की सतत् कार्रवाई विधि के अनुसार निष्पादित की जाए। 
कलेक्टर ने तहसीलदारों को इस बात पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है कि वर्तमान में हो रही विशेष ग्राम सभाओं में बी-1 का वाचन किया जाकर वास्तविकता के अनुसार शत्-प्रतिशत् राजस्व अभिलेख प्रक्रिया के अनुसार अद्यतन किया जाए तथा सभी ग्राम पंचायत में जन्म-मृत्यु पंजी भी अद्यतन कर शत्-प्रतिशत् फौती नामांतरण प्रकरणों का निराकरण किया जाए। साथ ही रजिस्ट्री के आधार से होने वाले नामांतरण प्रकरणों को दर्ज करते हुए उसके निराकरण की संपूर्ण कार्रवाई करते हुए आगामी दो सप्ताह में पालन-प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा है कि इस विशेष अभियान के उपरांत ग्रामवासियों में यह विश्वास हो जाना चाहिए कि उनका राजस्व रिकार्ड शत्-प्रतिशत् अद्यतन हो गया है और उसमें अब कोई त्रुटि नहीं है।

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