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सोमवार, 18 सितंबर 2017

मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र में आगामी 10-12 साल भी आगे रहने की उम्मीद

ग्रामीण मीडिया सेण्टर


देश के ऊर्जा क्षेत्र में 60 प्रतिशत से अधिक योगदान मध्यप्रदेश का
प्रधानमंत्री के उद्देश्यों की पूर्ति में मध्यप्रदेश आगे
राष्ट्रीय नीति आयोग का एक दिवसीय भोपाल भ्रमण
 


ध्यप्रदेश ने कृषि क्षेत्र में अन्य राज्यों की अपेक्षा इतना अच्छा काम किया है कि अगले 10-12 वर्षो तक इसके अग्रणी रहने की पूरी संभावना है। मध्यप्रदेश ने ऊर्जा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। देश की ऊर्जा का 60 से 65 प्रतिशत उत्पादन अकेले मध्यप्रदेश में हो रहा है। प्रदेश को अकृषि क्षेत्र में भी तरक्की करनी चाहिये यह बात आज राष्ट्रीय नीति आयोग के सदस्य श्री रमेश चन्द ने मंत्रालय में सभी विभागध्यक्षों को संबोधित करते हुए कही। श्री रमेश चन्द ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश ने न केवल प्रधानमंत्री के उद्देश्यों की पूर्ति की है, बल्कि यहाँ उल्लेखनीय नवाचार भी हो रहे हैं। राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री चेतन्य काश्यप, राष्ट्रीय नीति आयोग के सलाहकार श्री अनिल श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव वन एवं आर्थिक सांख्यिकी श्री दीपक खाण्डेकर और राज्य नीति आयोग के मुख्य सलाहकार श्री राजेंद्र मिश्रा भी मौजूद थे।
श्री रमेश चन्द्र ने कहा कि राष्ट्रीय नीति आयोग द्वारा प्रदेशों में जा कर राष्ट्रीय योजना आयोग के स्थान पर गठित नीति आयोग की भूमिका को स्पष्ट करने के साथ राज्य द्वारा किन क्षेत्रों में सुधार किया जाना है, की भी जानकारी दी जा रही है। श्री चन्द्र ने कहा कि पहले योजना आयोग का काम बजट वितरण का भी था, जो अब नीति आयोग के रूप में '' थिंक टैंक'' के रूप में काम कर रहा है। इससे देश की गुणनात्मक प्रगति पर बेहतर ध्यान केन्द्रित हुआ है। नीति आयोग अब नेशनल इंस्टीटयूट फार ट्रांसफार्मिंग इण्डिया है। उन्होंने कहा कि योजना आयोग में योजना बनाने में पहले राज्यों की भूमिका नहीं होती थी। अब राज्य की केन्द्र के साथ 60:40, 50:50 आदि की भूमिका रहती है। राष्ट्रीय नीति आयोग का काम राज्यों के कार्यों का आकलन और निगरानी करते हुए उनकी क्षमता विकसित करने में सहयोग करना है। मध्यप्रदेश विकास दर में देश के सर्वश्रेष्ठ 7 राज्य में शामिल है। मध्यप्रदेश सरकार देश की पहली है जिसने केबिनेट में किसानों के उत्पादन मूल्य में नुकसान होने पर भरपाई का निर्णय लिया है। लेकिन संतुलित विकास के लिये मध्यप्रदेश को उत्पादकता पर ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता है।
सलाहकार श्री अनिल श्रीवास्तव ने पॉवर पाइंट प्रजेन्टेशन में राष्ट्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की स्थिति की जानकारी देते हुए किन क्षेत्रों में अधिक ध्यान देना है, के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिलों के बीच विकास के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा होनी चाहिये। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले शिशु लिंग अनुपात बेहतर है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, स्वच्छ भारत मिशन, ऊर्जा,उदय योजना, टीकाकरण, साक्षरता आदि के बारे में प्रजेन्टेशन दिया। प्रमुख सचिव कृषि कल्याण श्री राजेश राजौरा ने प्रदेश की भावान्तर योजना का प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि योजना में 11 अक्टूबर तक 4 लाख किसानों को जोड़ा जायेगा। यह योजना देश में आदर्श योजना बनती जा रही है। केन्द्र सरकार फूड कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया, नाफेड और उत्तप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान आदि 10 राज्यों ने योजना की जानकारी ली है। आयोग के समक्ष स्वास्थ्य, शिक्षा और ऊर्जा विभाग के नवाचारों का भी पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया।

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