ग्रामीण मीडिया सेण्टर|मुलताई
महाराष्ट्र बैंक की जौलखेड़ा शाखा मेंहुए गबन के मामले में हुआ नया खुलास
बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा
शाखा में हुए सवा करोड़ के गबन के
मामल की जांच में नए-नए खुलासे
हो रहे हैं। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है बैंक में पदस्थ रहे
मैनजर ने मृतक किसान के नाम से
केसीसी खाता खोलकर आठ लाख
रुपए का लनदेन किया था। ग्राम तरोड़ा
बुजुर्ग निवासी दर्शन नागले की 26 सितंबर 2012 को मौत हो गई थी।
जौलखेड़ा शाखा में पदस्थ रह मैनेजर अभिषक रत्नम ने दर्शन नागले की मौत के तीन महीन बाद 26 दिसंबर
2012 को केसीसी खाता खोला और
लोन दर्शाकर आठ लाख रुपए का
आहरण कर लिया। टीआई सुनील
लाटा ने बताया अभिषेक रत्नम सहित
अन्य लोगों ने किस प्रकार गबन को
अंजाम दिया, इसकी जांच चल रही है।
गौरतलब है बैंक के तत्कालीन मैनेजर अभिषक रत्नम ने 1 जनवरी 2013 और 2 जून 2013 को छूट्टी होन के बाद भी बैंक खोलकर फर्जी खातों के माध्यम
स सवा करो ड़ रुपए की हराफेरी की थी। गबन करन में अभिषेक रत्नम ने तत्कालीन बैंक मैनजर वीके ओझा,
कैशियर दीनानाथ राठौर, सहायक
मैनजर नीलेश छनोत्र के आईडी
पासवर्ड का उपयोग किया था। इस
फर्जीवाड़े का एक साल बाद खुलासा
होन पर बैंक मैनजर चतुर्वेदी ने थान में शिकायत की थी।
शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने अभिषक रत्नम, नीलेश छनोत्रे,
किसान धनराज पंवार सहित अन्य
को आरोपी बनाया था। अभी अभिषक रत्नम और धनराज पवार जल में हैं। नीलश छनोत्रे जमानत पर है। पोलिस के अनुसार अन्य आरोपी भी जल्द ही गिरफ्तार होंगे जाँच शुरू है |
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