अगले एक साल में प्री स्कूल यानी नर्सरी, प्ले स्कूल और किंडर गार्डन स्कूल बेहद कम खुलने के आसार बन रहे हैं। दरअसल इनके संचालन की व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग से महिला बाल विकास विभाग के पास क्या आई, इन्हें खोलने की परमिशन लेने के लिए आवेदन ही बेहद कम हो गए हैं। अब तक केवल तीन आवेदन ही महिला बाल विकास के पास आए हैं। इसे कोरोना का डर कहें या फिर जानकारी का अभाव, लेकिन परमिशन के लिए आवेदन कम आए हैं। ऐसे में भविष्य में नए नर्सरी, प्ले स्कूल और किंडर गार्डन खुलने की संभावनाएं काफी कम दिखाई दे रही हैं। अगस्त महीने में प्री स्कूलों के संचालन की कमान स्कूल शिक्षा विभाग के हाथों से लेकर महिला बाल विकास को सौंप दी थी। वेबिनार में इस संबंध में आदेश जारी करते हुए प्रायमरी गाइडलाइन जारी की थी। इसमें प्राइवेट क्षेत्र में पहले से चल रहे एवं नवीन केंद्र को शाला पूर्व शिक्षा केंद्रों को विभागीय पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया। रजिस्ट्रेशन की यह प्रक्रिया 4 अगस्त से शुरू हुई थी। महिला बाल विकास विभाग के पोर्टल पर शाला पूर्व शिक्षा केंद्रों के पंजीकरण की सुविधा की जानकारी काे लेकर वेबिनार 4 अगस्त को किया। इसके बाद केवल तीन ऑनलाइन आवेदन ही अब तक आए हैं। वहीं कोरोना के कारण अधिकांश प्री-प्राइमरी स्कूल नहीं खोल रहे हैं।
यह हाेंगे प्रावधान
- 20 बच्चों पर एक शिक्षक का हाेगा प्रावधान।
- अब इन स्कूलों में 20 बच्चों पर एक शिक्षक का नियम लागू हाेगा।
- 21 बच्चे हाेने पर दाे शिक्षक रखना अनिवार्य हाेगा।
- ऑनलाइन आवेदन से मिलेगा दाे साल के लिए संचालन का प्रमाणपत्र, विभाग की वेबसाइट पर मिलेगा लिंक।
- एक हजार रुपए पंजीयन शुल्क देना हाेगा संचालक काे।
- संचालन केंद्र के फोटोग्राफ करने हाेंगे ऑनलाइन।
- एक माह में डीपीओ केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। गलत जानकारी मिलने पर पंजीयन निरस्त हाेगा।
- इसके अलावा 5 हजार रुपए जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
अब तक यह थी व्यवस्था : शासकीय क्षेत्र में शाला पूर्व शिक्षा सेवा का प्रदाय आंगनवाड़ी केंद्रों एवं अशासकीय क्षेत्रों में नर्सरी स्कूल, प्ले स्कूल, किंडर गार्डन जैसे नामों से संचालित शाला पूर्व शिक्षा केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है। वर्तमान में प्राइवेट क्षेत्र में संचालित प्ले स्कूल बिना किसी नियमन, मान्यता एवं पंजीकरण के संचालित हो रहे थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें